जिले में खरीफ 2025 फसल खरीद प्रक्रिया शुरू
चूरू जिले में खरीफ 2025 सीजन की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने सभी खरीद केंद्रों पर सुचारू संचालन के निर्देश दिए हैं ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
सुबह 9 से शाम 7 बजे तक ही होगा पंजीकरण
कॉपरेटिव डीआर सुनील मांडिया ने बताया कि किसानों के लिए पंजीकरण का समय सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक निर्धारित किया गया है।
तकनीकी कारणों से वेबसाइट अस्थायी रूप से बंद होने की जानकारी दी गई है, लेकिन इसे जल्द ही पुनः चालू कर दिया जाएगा।
उन्होंने किसानों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की और स्पष्ट किया कि पंजीकरण तिथि में कोई वृद्धि नहीं की गई है।
बिना मूल गिरदावरी पंजीयन करने पर होगी जिम्मेदारी
डीआर मांडिया ने बताया कि बिना मूल गिरदावरी के पंजीयन करने पर कियोस्क धारक जिम्मेदार माना जाएगा।
उन्होंने कहा कि मूंग/उड़द तथा मूंगफली/सोयाबीन के अलग-अलग पंजीकरण नहीं किए जाएंगे, इसलिए किसान एक ही फॉर्म में दोनों की गिरदावरी जोड़ें।
बंटाईदार और भूमि मालिक दोनों के OTP वेरीफिकेशन जरूरी
बंटाईदार की स्थिति में भूमि मालिक और बंटाईदार दोनों के जना-आधार नंबर पर OTP वेरीफाई करवाना अनिवार्य होगा।
जिस व्यक्ति के नाम गिरदावरी है, उसी के नाम से पंजीकरण मान्य होगा।
ऑनलाइन अपलोड की गई गिरदावरी में किसी भी प्रकार का संशोधन मान्य नहीं होगा।
तुलाई के समय गिरदावरी मिलान अनिवार्य
डीआर मांडिया ने कहा कि तुलाई के दौरान अपलोड की गई और मूल गिरदावरी समान होने पर ही तुलाई की अनुमति दी जाएगी।
ऑनलाइन पंजीकरण के दौरान जिस फसल (जिन्स) का चयन किया गया है, उसी फसल की तुलाई की जाएगी, बाद में कोई परिवर्तन संभव नहीं होगा।
पारदर्शिता के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पंजीकरण का उद्देश्य पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखना है।
खरीद की तिथि का आवंटन खरीद की गारंटी नहीं है, बल्कि प्राथमिकता क्रम तय करने के लिए यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
अधिकारी बोले — “किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो”
डीआर सुनील मांडिया ने कहा —
“कृषक भाइयों से अपील है कि वे अफवाहों से दूर रहें और तय समय पर ही पंजीकरण करवाएं। हमारा उद्देश्य सभी पात्र किसानों को पारदर्शी ढंग से लाभ पहुंचाना है।”
स्थानीय प्रभाव
इस पंजीकरण प्रक्रिया से चूरू जिले के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल बेचने का अवसर मिलेगा।
प्रशासन ने पंजीकरण प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए सख्त दिशा-निर्देश लागू किए हैं।