रतनगढ़ (चूरू), नालंदा शिक्षण संस्थान में रविवार को मातृ शक्ति को प्रेरित करने और अभिभावक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक सफल मातृ सम्मेलन आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सरिता पड़िहार ने की, जबकि पूर्व ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पुष्पा वर्मा विशिष्ट अतिथि और साहित्यकार भानुप्रिया शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम की झलकियां
कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ अध्यापिका लक्ष्मी सोनी की मधुर सरस्वती वंदना से हुआ।
छात्रा आस्था स्वामी ने “हमारा बचपन” कविता सुनाकर उपस्थित माताओं को भावुक कर दिया।
छात्रों हिमांशु, श्रीराम, खुशबू और सिद्धार्थ ने “मोबाइल को छोड़ो तुम” विषय पर एक प्रेरणादायक लघु नाटक प्रस्तुत किया,
जिसमें अभिभावकों को बच्चों के डिजिटल जीवन पर ध्यान देने का संदेश दिया गया।
वक्ताओं के प्रेरक संदेश
विशिष्ट अतिथि पुष्पा वर्मा ने कहा,
“नारी अबला नहीं, सबला है — जो परिवार के साथ समाज को नई दिशा दे रही है।”
मुख्य अतिथि भानुप्रिया शर्मा ने मोबाइल की लत को लेकर अभिभावकों को चेताया और कहा,
“बच्चों की लत के लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं, अब सजग माता-पिता बनना जरूरी है।”
प्रधानाध्यापक दिलीप स्वामी ने “अंधकार मिटाना है अगर प्रकाश के लिए” कविता सुनाकर सबको प्रेरित किया,
जबकि गीता माली ने स्वास्थ्य और शिक्षा के संतुलन को बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव बताया।
विशेष प्रस्तुतियां व सम्मान
लक्ष्मी सोनी ने “धरती पे रूप मां-बाप का” गीत प्रस्तुत किया,
और छोटे बच्चों ने ‘मेरा बचपन’ कविता की पंक्तियाँ स्लोगन स्लेटों के साथ भावपूर्ण अंदाज में प्रदर्शित कीं।
कार्यक्रम में सबसे पहले पहुंचने वाले पांच अभिभावकों को सम्मानित किया गया।
अध्यक्ष सरिता पड़िहार ने सभी माताओं का धन्यवाद करते हुए कहा,
“बच्चों की सफलता में मां की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है, इसलिए ऐसे सम्मेलनों में भागीदारी जरूरी है।”
संचालन और उपस्थिति
कार्यक्रम का संचालन दिलीप स्वामी ‘मनु’ ने किया।
इस मौके पर सीमा, कविता, सुधा, शबाना, उल्फत, बानो, नजमा, कौशल्या, पूनम, ज्योति, संतोष, रुखसाना सहित कई अभिभावक उपस्थित रहे।