सांसद बोले योजना की मॉनिटरिंग कमेटी में जनप्रतिनिधियों को शामिल किया जाए
चूरू, सांसद राहुल कस्वां ने संसद में पीएम धन धान्य योजना से जुड़ा महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने 36 योजनाओं को एकीकृत कर यह व्यापक कृषि योजना शुरू की है, जिसके तहत देशभर के 100 जिलों में दलहन फसलों की 100% खरीद एमएसपी पर किए जाने का प्रावधान है।
सांसद के अनुसार यह योजना किसानों की आय स्थिर करने और कृषि क्षेत्र में भरोसा लौटाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
राजस्थान की प्रमुख फसलें अभी तक योजना से बाहर
कस्वां ने चिंता जताई कि राजस्थान की प्रमुख दलहन फसलें—मूंग, मोठ और चना—को अभी तक योजना में शामिल नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि—
- ये फसलें राज्य की शुष्क जलवायु में सबसे ज्यादा उत्पादित होती हैं
- हजारों किसान वर्षा आधारित खेती पर निर्भर हैं
- दलहन ही उनकी आय का मुख्य स्रोत है
कस्वां ने स्पष्ट कहा:
“सरकार आत्मनिर्भरता और 100% एमएसपी खरीद की बात करती है, लेकिन इन प्रमुख फसलों को योजना से बाहर रखकर किसानों में भ्रम और असंतोष पैदा कर रही है।”
किसानों में असंतोष और अविश्वास का खतरा
सांसद कस्वां का कहना है कि यदि सरकार वास्तव में किसानों की आय बढ़ाना चाहती है, तो मूंग, मोठ और चना को योजना में शामिल करना अनिवार्य है।
इन फसलों के बिना योजना का उद्देश्य अधूरा रह जाएगा।
मॉनिटरिंग कमेटी में जनप्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग
कस्वां ने योजना के क्रियान्वयन में एक बड़ी कमी की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।
उन्होंने कहा कि योजना की मॉनिटरिंग कमेटी में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया गया है।
उनका कहना है:
“यदि जनप्रतिनिधि शामिल नहीं होंगे तो किसानों की आवाज कौन उठाएगा? योजना का सही क्रियान्वयन तभी संभव है जब स्थानीय नेतृत्व को जिम्मेदारी दी जाए।”
उन्होंने सरकार से मांग की कि मॉनिटरिंग कमेटी में जनप्रतिनिधियों को शामिल करने का प्रावधान तुरंत लागू किया जाए।