नियम-377 के तहत पाकिस्तान जाने वाले पानी और IGNP पर उठाई मांग
लोकसभा में सिंचाई और जल सुरक्षा का मुद्दा
दिल्ली। चूरू सांसद राहुल कस्वां ने गुरुवार को लोकसभा में नियम-377 के अंतर्गत सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से जल की उचित व्यवस्था कर दलहन और तिलहन उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता पर अपना पक्ष रखा।
पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने की मांग
सांसद कस्वां ने कहा कि इंडस सिस्टम की पूर्वी नदियों से बहने वाला वह अतिरिक्त पानी, जो भारत के हिस्से का है, स्टोरेज की कमी के कारण पाकिस्तान चला जाता है।
उन्होंने बताया कि विभिन्न सार्वजनिक विश्लेषणों के अनुसार भारत के हिस्से का लगभग 4.549 मिलियन एकड़ फीट (करीब 5.61 अरब घनमीटर) पानी हर वर्ष बिना उपयोग के सीमा पार चला जाता है।
राजस्थान को मिल सकता है बड़ा कृषि लाभ
सांसद ने कहा कि यदि यह पानी राजस्थान जैसे जल-अभाव वाले राज्य में स्थानीय भंडारण और नहर प्रणाली के माध्यम से रोका जाए, तो—
- सरसों जैसे तिलहन में लगभग 37 लाख हेक्टेयर
- सोयाबीन व अन्य दलहन में लगभग 17 लाख हेक्टेयर
क्षेत्र को सिंचाई सुविधा मिल सकती है।
आयात घटेगा, किसान की आय बढ़ेगी
राहुल कस्वां ने कहा कि इससे देश में तेल और दाल के आयात में भारी कमी आएगी और भारत तिलहन-दलहन में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ेगा।
उन्होंने कहा,
“इससे किसानों की आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।”
IGNP में भंडारण और कैनाल अपग्रेडेशन की मांग
सांसद ने सरकार से मांग की कि—
- आईजीएनपी (IGNP) क्षेत्र में भंडारण क्षमता बढ़ाई जाए
- कैनाल सिस्टम का अपग्रेडेशन किया जाए
- इसके लिए केन्द्र सरकार विशेष पैकेज जारी करे
कानूनी व तकनीकी विकल्पों पर निर्णय की जरूरत
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को जाने वाले अप्रयुक्त जल को रोकने के लिए कानूनी और तकनीकी विकल्पों पर तुरंत ठोस निर्णय लिया जाए।
साथ ही राजस्थान में दलहन-तिलहन मिशन को अतिरिक्त जल उपलब्धता से जोड़कर विशेष प्रोत्साहन घोषित करने की मांग भी की।
राष्ट्रीय हित से जुड़ा विषय
सांसद कस्वां ने कहा कि यह विषय
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा, जल सुरक्षा और किसान हित—तीनों से सीधे जुड़ा है।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस पर गंभीरता और प्राथमिकता के साथ कदम उठाए जाएं।