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सांसद कस्वां ने लोकसभा में किसानों पर कीटनाशकों के खतरे का उठाया मुद्दा

Rahul Kaswan speaks in Lok Sabha on pesticide health risks

दिल्ली। लोकसभा में चूरू सांसद राहुल कस्वां ने किसानों के स्वास्थ्य पर मंडरा रहे कीटनाशकों के खतरे का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया।
उन्होंने नियम-377 के अंतर्गत कहा कि खेती में अत्यधिक कीटनाशकों का उपयोग कैंसर जैसे गंभीर रोग पैदा कर रहा है।


किसानों के रक्त में मिले खतरनाक रसायन

सांसद कस्वां ने हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि किसानों के रक्त में—

  • ऑर्गेनोफॉस्फेट
  • पायरिथ्रॉइड
  • ग्लाइफोसेट

जैसे रसायनों के अत्यधिक अवशेष पाए गए हैं।
19 किसानों की जाँच में यह तत्व ऐसे स्तर पर मिले हैं जो कैंसर, तंत्रिका तंत्र क्षति, हार्मोन असंतुलन और दीर्घकालीन स्वास्थ्य हानि के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं।

उन्होंने कहा— “यह स्थिति केवल खेतों में नहीं, बल्कि किसानों के शरीर में जहर घुलने का गंभीर संकेत है।”


मरु-क्षेत्र में रसायनों का बढ़ता असर

कस्वां ने कहा कि राजस्थान के मरु-क्षेत्रों में पानी, मिट्टी और पर्यावरण पहले ही रसायनों की मार झेल रहे हैं।
किसान उपज बढ़ाने की मजबूरी में कई बार प्रतिबंधित या अत्यधिक हानिकारक कीटनाशकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसका सीधा असर उनके शरीर और उत्पादित फसलों पर पड़ रहा है।


सरकार को तत्काल उठाने चाहिए ये कदम

सांसद कस्वां ने केंद्र सरकार से निम्नलिखित ठोस कदम उठाने की मांग की—

किसानों के लिए स्वास्थ्य सर्वेक्षण शिविर

सभी प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर किसानों की जांच की जाए और बीमारी मिलने पर उपचार कराया जाए।

नए SOP जारी हों

कीटनाशकों के सीमित और सुरक्षित उपयोग के लिए नई गाइडलाइन बनाई जाए।

जैविक कीटनाशकों को बढ़ावा

जैविक विकल्पों, IPM (Integrated Pest Management) और सुरक्षित कृषि को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष पैकेज घोषित किया जाए।

जागरूकता अभियान

किसानों को रासायनिक दवाइयों के अत्यधिक उपयोग से होने वाली हानियों की जानकारी देकर उन्हें सुरक्षित और संतुलित उपयोग के लिए प्रेरित किया जाए।


कस्वां ने कहा—“किसानों और आमजन के स्वास्थ्य से जुड़े इस गंभीर संकट पर देरी करना देशहित में नहीं है। सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए।”