राजस्थान में MSP पर मूंग मूंगफली की खरीद नहीं हो रही: सांसद कस्वां
पूरी प्रक्रिया भारी भ्रष्टाचार में डूबी, किसानों के साथ हो रहा छलावा।
चूरू /दिल्ली। चूरू सांसद राहुल कस्वां ने चूरू संसदीय क्षेत्र सहित राजस्थान में एमएसपी पर मूंग व मूंगफली खरीद प्रक्रिया सही से नहीं होने और भारी अनियमितताओं को लेकर राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF)की निदेशक सुश्री अनीस जोसेफ चंद्रा से मुलाकात की और चूरू संसदीय क्षेत्र सहित राजस्थान में समर्थन मूल्य (MSP) पर मूंग व मूंगफली खरीद में आ रही समस्याओं से अवगत करवाते हुए समाधान पर वार्ता की।
सांसद कस्वां ने निदेशक एनसीससीएफ को बताया कि चूरू संसदीय क्षेत्र सहित सम्पूर्ण राजस्थान में इस समय खरीफ-2025 फसल की MSP पर खरीद का कार्य किया जा रहा है। चूरू संसदीय क्षेत्र में मूंग व मूंगफली की खरीद हेतु राजफैड पोर्टल पर लगभग 44 हजार किसानों ने अपना पंजीयन (टोकन) करवाया, जिसमें से चूरू जिला प्रशासन द्वारा बगैर किसी मानक जांच के आनन-फानन में लगभग 10 हजार पंजीयन (टोकन) निरस्त कर दिए गए। राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा अपनी गलती छिपाने के लिए जिन किसानों के टोकन निरस्त किए गए उनको न तो सूचना दी गई और न ही अपील का अवसर दिया गया, जिसके कारण आज हमारा किसान लाचार होकर इधर से उधर चक्कर काटने को मजबूर है।
इस बार अत्यधिक बारिश होने के कारण मूंग फसल में कुछ मात्रा में दाने का कलर लाल या हल्का भूरा हो गया, जिसके लिए अलग मशीनें लगाकर किसान की कमर तोड़़ने का काम किया जा रहा है। खराबे का मुआवजा देने के वक्त मूंग के जो दाने वजन में शामिल थे, आज MSP पर तुलाई के वक्त वो दाने खराब घोषित कर दिए। सरकारी सिस्टम की संवेदनहीनता के चलते एमएसपी खरीद की पूरी प्रक्रिया भारी भ्रष्टाचार में डूब गई है और हमारे अन्नदाता के साथ बड़ा छलावा हो रहा है।
MSP खरीद के नियमों के मुताबिक न तो पूरे पंजीयन (टोकन) जारी हुए और जिन किसानों के पंजीयन हुए उनकी उपज की तुलाई नहीं हो रही है।
सांसद ने निदेशक एनसीसीएफ को इस प्रक्रिया से जुड़े कुछ विषयों पर तत्काल कदम उठाने के लिए कहा, जो इस प्रकार हैं:—
चूरू जिले के बगैर मानक जांच निरस्त किए गए पंजीयन (टोकन) को खरीद केन्द्र पर ही जांच की व्यवस्था कर बहाल किया जाए।
राजफैड के पंजीयन पोर्टल को दुबारा खोलकर तय मानकों के अनुरूप वंचित किसानों का रजिस्ट्रेशन भी किया जाए।
अत्यधिक बारिश से मूंग के दाने जो डिस्कलर हुए हैं, उनको भी तुलाई में शामिल कर किसानों को राहत प्रदान की जाए।
खरीद केन्द्रों पर तुलाई के दौरान भ्रष्टाचार की भारी शिकायतें हर वर्ष आती हैं अत: इस सुनियोजित भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
सांसद कस्वां ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए संवेदनहीन करार दिया
सांसद कस्वां ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के विषय में संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पार कर चुकी है। MSP के नाम पर किसानों के साथ हो रहे छलावे पर सरकार में बैठे जिम्मेदार मौन हैं और हमारा किसान परेशान और हताश होकर भटकने को मजबूर है। किसानों को न एमएसपी मिल रही, न डीएपी और यूरिया। पूरा सिस्टम भ्रष्टाचार में डूबा है और सरकार कुंभकरणी नींद में है।