चूरू, राजस्थान संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय विद्वत सम्मान समारोह 2025 में चूरू के प्रसिद्ध संस्कृताचार्य प्रो. डॉ. मूल चन्द को संस्कृत साधना सम्मान से सम्मानित किया गया।
उदयपुर में हुआ सम्मान समारोह
यह सम्मान उदयपुर सिटी के सुखाड़िया रंगमंच सभागार में संपन्न गरिमामय आयोजन के दौरान प्रदान किया गया।
राज्य भर से आए संस्कृत विद्वानों और छात्रों की उपस्थिति ने समारोह को वैदिक उत्सव में बदल दिया।
डॉ. मूल चन्द को मिला गौरव
डॉ. मूल चन्द को यह सम्मान संस्कृत साहित्य, शिक्षण, अनुसंधान और राष्ट्रीय संस्कृत चेतना में उनके दीर्घकालीन योगदान के लिए दिया गया।
उन्हें ₹51,000 की नकद राशि, प्रशस्ति-पत्र, शॉल और श्रीफल प्रदान किया गया।
“संस्कृत हमारे सांस्कृतिक आत्मा की भाषा है। इसके आराधकों को सम्मान देना संस्कृति को पुष्ट करना है।”
— प्रो. वासुदेव देवनानी, अध्यक्ष, राजस्थान विधानसभा
मंच पर मौजूद प्रमुख हस्तियाँ
- मदन दिलावर (शिक्षा मंत्री) ने संस्कृत शिक्षकों को आधुनिक काल के आचार्य बताया।
- बाबूलाल खराड़ी (गृह मंत्री) ने कहा – “डॉ. मूल चन्द की साधना संस्कृत को जीवन में जीने की प्रेरणा देती है।”
- प्रो. वाई एस रमेश (केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय) ने डॉ. चन्द जैसे विद्वानों को “संस्कृति के दीपस्तंभ” बताया।
चूरू में उत्सव का माहौल
सम्मान की घोषणा के साथ ही लोहिया महाविद्यालय और चूरू नगर में हर्षोल्लास की लहर दौड़ गई।
विद्यार्थियों, प्राध्यापकों और स्थानीय नागरिकों ने डॉ. मूल चन्द को बधाइयाँ दीं।
“यह सम्मान चूरू की विद्वत्तापरंपरा की स्वीकृति है।”
— डॉ. मंजू शर्मा, प्राचार्या, लोहिया महाविद्यालय, चूरू
अन्य सम्मान प्राप्त
- संस्कृत साधना शिखर सम्मान: कैलाशचंद्र मुंद्रा (चित्तौड़गढ़)
- युवा प्रतिभा सम्मान: राज्यभर के 11 युवाओं को ₹21,000
- सर्वश्रेष्ठ छात्र: सभी विश्वविद्यालयों और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के टॉपर्स
- संस्थान सम्मान: उच्च नामांकन वाले संस्कृत संस्थानों को प्रेरक सम्मान