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सरदारशहर अविश्वास प्रस्ताव पर हाईकोर्ट की रोक, सभापति को राहत

Police deployed outside Sardarshahar Nagarparishad over trust vote tensions

सरदारशहर अविश्वास प्रस्ताव पर हाईकोर्ट की रोक, नगरपरिषद में गहराया राजनीतिक संकट

सरदारशहर/चूरू, सुभाष प्रजापत। सरदारशहर नगरपरिषद के सभापति राजकरण चौधरी के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव अब विवादों के घेरे में आ गया है। शुक्रवार को प्रस्ताव पर मतदान से कुछ ही घंटे पहले जोधपुर हाईकोर्ट ने मतगणना प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी है।


कोर्ट ने सभापति की याचिका पर दी राहत

सभापति राजकरण चौधरी ने याचिका में दावा किया कि प्रस्ताव में 10 पार्षदों के हस्ताक्षर फर्जी हैं और नोटिस की प्रक्रिया भी विधिसंगत नहीं रही। हाईकोर्ट ने इसी आधार पर फिलहाल मतगणना को स्थगित करते हुए आगामी आदेश तक प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।


परिषद में बहुमत का गणित

नगरपरिषद में कुल 57 सदस्य हैं, जिनमें से 55 निर्वाचित पार्षद हैं और 2 सदस्य सांसद और विधायक पदेन रूप में शामिल हैं। प्रस्ताव पारित करने के लिए 43 मतों की आवश्यकता है।
30 मई को कांग्रेस और भाजपा के कुल 44 पार्षदों ने मिलकर जिला कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था।


सुरक्षा कड़ी, चुनाव अधिकारी नहीं पहुंचे

नगरपरिषद परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। थानाधिकारी मदन विश्नोई मय जाप्ता मौजूद हैं, लेकिन निर्वाचन अधिकारी एडीएम मंगलाराम पूनिया की अनुपस्थिति से असमंजस की स्थिति बन गई है। प्रशासन ने बताया कि एडीएम की तबीयत खराब है।


गांधी चौक पर समर्थकों का प्रदर्शन

सभापति के समर्थकों ने गांधी चौक पर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि पूरे प्रकरण को राजनीतिक दबाव में चलाया जा रहा है। अब जब कोर्ट ने हस्तक्षेप किया है, समर्थक इसे न्यायिक जीत बता रहे हैं।


सांसद और विधायक की भूमिका भी अहम

हाईकोर्ट के एक पूर्व आदेश (2018) के अनुसार, सांसद और विधायक को भी वोट देने का अधिकार प्राप्त है। ऐसे में सरदारशहर से भाजपा सांसद राहुल कस्वां की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही थी, लेकिन कोर्ट की रोक के चलते प्रक्रिया फिलहाल ठप हो गई है।