चूरू, झालावाड़ में हाल ही में हुई विद्यालय भवन दुर्घटना के बाद चूरू जिला प्रशासन हरकत में आ गया है।
जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने विद्यार्थियों और स्कूल भवनों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सभी संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
क्या हैं मुख्य निर्देश?
- सार्वजनिक निर्माण विभाग (सानिवि) के अभियंता समस्त राजकीय भवनों की छतों पर जलभराव, नालों की सफाई जैसे कार्यों को अविलंब पूरा करें।
- शिक्षा विभाग और सानिवि की संयुक्त टीम द्वारा सरकारी व निजी विद्यालयों का सुरक्षा सर्वे किया जाएगा।
- मरम्मत योग्य भवनों की रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में भेजना अनिवार्य होगा।
असुरक्षित भवन होंगे सील
जिन स्कूल भवनों या कमरों को असुरक्षित माना जाएगा, उन्हें तत्काल सील कर विद्यार्थियों को नजदीकी सुरक्षित भवनों में शिफ्ट किया जाएगा।
पुरानी और जर्जर इमारतें होंगी तोड़ी
जिन भवनों की हालत बहुत खराब है, उन्हें नियमानुसार ध्वस्त किया जाएगा।
आपातकालीन सुविधा और निगरानी
- हर विद्यालय में इमरजेंसी एक्जिट प्लान और नजदीकी अस्पताल व आपदा प्रबंधन के फोन नंबर प्रदर्शित किए जाएंगे।
- फर्स्ट एड बॉक्स रखना अनिवार्य होगा।
- प्रधानाध्यापकों को नियमित निरीक्षण करने के निर्देश हैं।
भारी बारिश में स्कूल रहेंगे बंद
यदि भारी वर्षा के दौरान किसी विद्यालय में संरचनात्मक खतरा दिखता है तो उसे तत्काल बंद किया जाएगा और आवश्यकतानुसार मरम्मत हेतु 2 लाख रुपये तक के प्रस्ताव भेजे जा सकेंगे।
निजी विद्यालयों को भी चेतावनी
प्रशासन ने निजी स्कूल संचालकों की बैठक बुलाकर उन्हें भी सुरक्षा मानकों को अपनाने के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय निधियों से मरम्मत
विशेष स्थिति में विद्यालय विकास निधि व छात्र कोष से मरम्मत करवाई जा सकती है।