रतनगढ़ (चूरू)। शहर के पुलिया संख्या चार के पास शिवाजी सेवा संस्थान में चल रही श्रीराम कथा के चतुर्थ दिन मंगलवार को राम जन्म उत्सव भक्तिभाव से मनाया गया।
कथा वाचक संत प्रहलाद महाराज ने कहा कि भगवान में निष्ठा और विश्वास होने से ही मन के भाव बदलते हैं और जीवन मंगलमय बन जाता है। उन्होंने कहा कि जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ता है, ईश्वर धर्म की पुनर्स्थापना के लिए अवतरित होते हैं।
पंडाल में सजी झांकियां और भक्ति का उत्सव
राम जन्म के अवसर पर पंडाल को आकर्षक रूप से सजाया गया।
शिव विवाह और राम जन्म की झांकियों ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
सुबह प्रभात फेरी में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए और मार्गों पर रंगोलियां बनाकर, दीप जलाकर स्वागत किया गया।
कथा वाचक का संदेश – “भगवान हमारे हैं, यही साधना का सार”
महाराज ने कहा, “भगवान हमारे हैं और हम भगवान के, यही साधना का सार है। भक्ति में जो आनंद मिलता है, वह शाश्वत होता है।”
सोमवार शाम को कथा स्थल पर संत प्रहलाद महाराज के सानिध्य में बच्चों को गीता अभ्यास भी करवाया गया।
श्रद्धालुओं और अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य यजमान भगवती देवी-गोविंद प्रसाद मिटावा व जयदेव प्रसाद मिटावा ने व्यासपीठ की पूजा-अर्चना की।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री राजकुमार रिणवां, हरिप्रसाद हर्षवाल, भंवरलाल मिटावा, गोविंदप्रसाद बबेरवाल, ओमप्रकाश मिटावा, हिमांशु मिटावा सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।
स्थानीय धर्मप्रेमियों की सराहना
कथा के आयोजकों ने बताया कि स्थानीय श्रद्धालुओं के सहयोग से हर दिन कथा स्थल पर हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। राम जन्म उत्सव के दौरान शिव विवाह झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही।