“सोलर प्लांट की आड़ में हो रहा है पर्यावरणीय विनाश”
चूरू। सांसद राहुल कस्वां ने पश्चिमी राजस्थान में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के नाम पर खेजड़ी जैसे पूज्य वृक्षों की अंधाधुंध कटाई और वन्यजीवों के आवास को नुकसान पहुंचाने का गंभीर मुद्दा उठाया है।
उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी और पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव से मुलाकात कर इसे “पारिस्थितिकीय हत्या” करार दिया।
खेजड़ी और रेगिस्तानी जैव विविधता पर संकट
राहुल कस्वां ने कहा कि बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, फलौदी और जोधपुर जैसे जिलों में सौर परियोजनाओं की आड़ में हजारों बीघा वन भूमि को नष्ट किया जा रहा है।
उन्होंने कहा:
“खेजड़ी वृक्ष केवल पेड़ नहीं, मरुस्थलीय जीवन का आधार हैं। इनकी कटाई का असर मिट्टी, जल, चारा, पशुधन और पूरे इकोसिस्टम पर पड़ रहा है।“
पर्यावरणीय मूल्यांकन अनिवार्य करने की मांग
सांसद कस्वां ने केंद्र सरकार से सोलर प्रोजेक्ट से पहले EIA (पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन) अनिवार्य करने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि:
- खेजड़ी जैसे वृक्षों की कटाई पर तुरंत रोक लगे
- जैव विविधता प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वनीकरण की नीति बने
- बिना स्थानीय समुदाय की सहमति के कोई भूमि अधिग्रहण न हो
- अब तक काटे गए वृक्षों की मुआवजा रिपोर्ट सार्वजनिक हो
विश्नोई समाज की आस्था पर भी चोट
उन्होंने खेजड़ी की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता का भी उल्लेख किया, यह कहते हुए कि:
“विश्नोई समाज के लिए खेजड़ी रक्षा का प्रतीक है। मां अमृता देवी की कुर्बानी इस वृक्ष की पवित्रता का प्रमाण है। आज उसी भूमि पर विनाश हो रहा है।“
सरकार से जवाबदेही तय करने की अपील
राहुल कस्वां ने कहा कि “विकास के नाम पर हम पर्यावरण का विनाश नहीं कर सकते। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह पारदर्शी नीति लाए और कंपनियों की जवाबदेही तय करे।”