एक मेडिकल कॉलेज मजदूर और दूसरा 12वीं का छात्र
चूरू, चूरू जिले से बुधवार को आत्महत्या की दो अलग-अलग दर्दनाक घटनाएं सामने आईं, जिनमें एक मजदूर और एक कक्षा 12 के छात्र ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
मेडिकल कॉलेज परिसर में मजदूर ने की आत्महत्या
चूरू मेडिकल कॉलेज परिसर में निर्माण कार्य में लगे एक 28 वर्षीय मजदूर लाल बाबू शेख ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
मूल रूप से दूनीग्राम, बीरभूम (पश्चिम बंगाल) निवासी यह मजदूर पिछले एक वर्ष से चूरू में कार्यरत था।
पुलिस के अनुसार, पत्नी से विवाद आत्महत्या की वजह मानी जा रही है।
उसके साथी मजदूर आषानूर मिर्धा ने बताया कि मृतक के पिता का कॉल आया था कि वह फांसी लगाने की बात कर रहा है। जब कमरे पर पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद था। तोड़कर अंदर पहुंचे तो वह बांस के डंडे से तोलिये के सहारे फांसी पर लटका मिला।
घटना की सूचना मिलते ही
- मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एम.एम. पुकार,
- अस्पताल अधीक्षक डॉ. दीपक चौधरी,
- मेडिको लीगल विभाग के एचओडी डॉ. रमाकांत वर्मा,
- और कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंचे।
पुलिस ने शव को डीबी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा।
रतनगढ़ में 12वीं के छात्र ने लगाया फांसी का फंदा
दूसरी घटना रतनगढ़ कस्बे की है, जहां 17 वर्षीय छात्र राहुल प्रजापत ने घर के पास चारागृह में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
राहुल कक्षा 12 का छात्र था और दयालु हनुमान मंदिर के पास रहता था।
पिता मुरली मनोहर प्रजापत ने पुलिस को बताया कि रात को राहुल बरामदे में सोया था।
सुबह वह अपनी जगह नहीं मिला, तो परिजन यह मानकर चल दिए कि वह रोज की तरह पानी देने पेड़ पर गया होगा।
परंतु जब स्कूल का समय हो गया और वह नहीं लौटा, तो तलाश की गई।
राहुल घर के पास ही चारागृह में फंदे से लटका मिला।
पुलिस ने मर्ग दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया है। आत्महत्या के कारणों की जांच की जा रही है।