रतनगढ़। विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय तापड़िया मंदिर में स्वामी श्रद्धानंद जी के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि सभा एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक रीति से स्वामी श्रद्धानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्पांजलि अर्पित कर की गई।
स्वामी श्रद्धानंद वैदिक विचारों के उज्ज्वल नक्षत्र
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग धर्म जागरण प्रमुख किशनाराम मंडा ने कहा कि
“स्वामी श्रद्धानंद धर्म रक्षा, स्वतंत्रता आंदोलन और वैदिक शिक्षा के क्षेत्र में एक उज्ज्वल नक्षत्र हैं।”
उन्होंने बताया कि स्वामी दयानंद सरस्वती के ‘सत्यार्थ प्रकाश’ से प्रेरित होकर स्वामी श्रद्धानंद ने संन्यास ग्रहण किया और जीवन को जन कल्याण, सनातन संस्कृति व राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित कर दिया।
गुरुकुल स्थापना से शुद्धि आंदोलन तक ऐतिहासिक भूमिका
किशनाराम मंडा ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ा विश्वविद्यालय की स्थापना,
जलियांवाला बाग नरसंहार से व्यथित होकर अंग्रेजों के खिलाफ जनजागरण,
तथा शुद्धि आंदोलन के माध्यम से लाखों लोगों की घर वापसी—
इन सभी कार्यों से स्वामी श्रद्धानंद ने सम्पूर्ण भारतवर्ष को वैदिक चेतना से आंदोलित किया।
समरसता व हिन्दुत्व एकता का आह्वान
शिक्षाविद् एवं समाजसेवी अनिल लाटा ने कहा कि
“स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान दिवस पर हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि जाति विभेद छोड़कर समरसता और हिन्दुत्व के एकत्व भाव को मजबूत करें।”
युवाओं से संगठन से जुड़ने की अपील
विश्व हिन्दू परिषद के प्रखंड उपाध्यक्ष जगदेव सांखोलिया ने
लव जिहाद, लैंड जिहाद और धर्मांतरण जैसी साजिशों से सतर्क रहने का आह्वान करते हुए युवाओं से VHP व बजरंग दल से जुड़ने की अपील की।
आभार एवं संचालन
कार्यक्रम में जिला धर्म प्रसार प्रमुख कृष्ण कुमार रामावत एवं
जिला धर्म जागरण प्रमुख सुरेश कुमार सेवदा ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का संचालन सह मंत्री रामदेव चंदनिया ने किया।
ये रहे उपस्थित गणमान्य
सभा में वासुदेव चाकलान, किशनलाल शर्मा, राजेन्द्र प्रसाद चांदगोठिया, पवन कुमार पीपलवा, जयकांत बींवाल, सत्यनारायण टेलर, दिनेशचंद्र शर्मा, रमाकांत रूंथला, सुभाष त्रिवेदी, जिला मंत्री अरविन्द मिश्रा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।