Posted inChuru News (चुरू समाचार)

Churu News: किन्नर महंत सुनीता बनीं नरसी भगत की मिसाल

Transgender Mahant Sunita filling Chuuchak with dignity in Taranagar, Churu – social service example

अनाथ बेटियों को दिया मां-बाप का स्नेह और छूछक

तारानगर (चूरू), किन्नर समाज को लेकर प्रचलित धारणाओं को तोड़ते हुए तारानगर की महंत सुनीता किन्नर ने सामाजिक सरोकार की अनूठी मिसाल पेश की है। सुनीता ने एक अनाथ बालिका काजल की शादी के बाद अब उसका छूछक (ससुराल पक्ष को दिया जाने वाला पारंपरिक तोहफा) गाजे-बाजे और पूरे रीति-रिवाज के साथ भरकर एक मिसाल कायम की है। सुनीता को अब आमजन नरसी भगत की तरह मानेरा भरने वाली मां के रूप में पहचानने लगे हैं।

अनाथ बेटियों को देती हैं मां-बाप का दर्जा

महंत सुनीता अब तक 10 से अधिक शादियों में ‘मां-बाप’ की भूमिका निभा चुकी हैं। वे न केवल अनाथ व गरीब बेटियों का विवाह करवा चुकी हैं, बल्कि शादी में दहेज, छूछक, सगा मिलनी तक की पूरी जिम्मेदारी स्वयं निभाती हैं। हाल ही में काजल नामक युवती के छूछक कार्यक्रम में उन्होंने न केवल रोजमर्रा उपयोग की वस्तुएं दीं, बल्कि सोने-चांदी के आभूषण, सामान्य रिवाजों का सामान और ससुराल पक्ष को सम्मानजनक मिलनी भी दी।

समाज से तिरस्कार झेलने वाली बनीं समाज की रहनुमा

महंत सुनीता बताती हैं कि बचपन में जब उन्हें अपने किन्नर होने का एहसास हुआ, तो समाज ने उन्हें हीन दृष्टि से देखा। लेकिन उन्होंने उस तिरस्कार को अपने जीवन का मोड़ बनाकर समाज सेवा की राह पकड़ी। उन्होंने कहा—

हम भी इस समाज का हिस्सा हैं, हमारे दिल भी सामान्य लोगों की तरह धड़कते हैं। बस हमें अवसर चाहिए, नजरें नहीं।

समाज सेवा को बनाया जीवन का उद्देश्य

महंत सुनीता आज तारानगर क्षेत्र ही नहीं, पूरे चूरू जिले में एक पहचान बन चुकी हैं। वे किन्नर समाज में महंत पद पर हैं, लेकिन आमजन के हर सुख-दुख में भागीदारी निभाती हैं। शादी, भात, छूछक जैसे पारंपरिक कार्यों को वे पूरे उत्सव और धार्मिक रीति-रिवाज के साथ निभाती हैं।

छूछक समारोह में उमड़ा स्नेह और सम्मान

काजल के छूछक कार्यक्रम में तारानगर के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम में किन्नर समाज से चांदनी, संजू, मुकेश, वनीता, हुड्डी, सतवीर, ताराचन्द, प्रताप, असलम, नीशा, नीतेश, सचिन, आदिल, गुन्नू, साजीद, कृष्ण, सुमन, पाना, ममता, सरोज, खेरू, जिन्ना, सूनीता, सोहनी, मुस्कान, मोनिका सहित बड़ी संख्या में आमजन भी शामिल हुए। सभी ने सुनीता के इस मानवीय प्रयास की सराहना की और उन्हें आशीर्वाद दिया।