रतनगढ़। राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत की दो दिवसीय कार्यशाला का समापन रविवार को शिक्षक भवन में हुआ। कार्यशाला की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष विजय पोटलिया ने की, जबकि जिला मंत्री वेदपाल मलिक ने एजेंडा प्रस्तुत किया।
पहचान की राजनीति पर व्याख्यान
पहले सत्र में हरियाणा अध्यापक संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष वजीर सिंह ने पहचान की राजनीति विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और लैंगिक आधार पर राजनीति करना जनवादी संगठन के उद्देश्यों के विपरीत है।
इस सत्र की अध्यक्षता शुभकरण नैण (प्रांतीय संयुक्त मंत्री), गोपीचंद खीचड़ (प्रांतीय कमेटी सदस्य) और सुरेंद्र सीगड़ (कार्यकारी जिलाध्यक्ष) ने की।
संगठनात्मक सत्र में चर्चाएं
दूसरे सत्र में संगठनात्मक मुद्दों पर मंथन हुआ। इसमें संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने, युवा नेतृत्व को आगे लाने और जनहित में सामाजिक अभियानों की रूपरेखा तय की गई। वक्ताओं ने कहा कि संगठन को जमीनी स्तर तक मजबूत करना आवश्यक है, ताकि यह समाज के हर वर्ग तक पहुंचे।
इस सत्र की अध्यक्षता संजय खीचड़ (ब्लॉक मंत्री, राजगढ़), गजानंद मेघवाल (मंत्री, सरदारशहर), लूणाराम (ब्लॉक अध्यक्ष, तारानगर), सुरेंद्र झोरड़ (अध्यक्ष, सरदारशहर), भोजराज शर्मा (मंत्री, रतनगढ़), भंवरलाल पूनिया (अध्यक्ष, रतनगढ़) और अनिल लांबा (अध्यक्ष, चूरू) ने की।
वरिष्ठ पदाधिकारियों ने दिए सुझाव
चर्चा में बाबूलाल मुंदलिया (वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जिला), गौरीशंकर सिहाग (संयुक्त मंत्री), रणवीर सारण (जिला उपाध्यक्ष), रामचंद्र ऐचरा (रतनगढ़ सभाध्यक्ष) और शंकरलाल मीणा (ब्लॉक वरिष्ठ उपाध्यक्ष) ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला को सफल और सार्थक बताते हुए प्रदेश सभाध्यक्ष याकूब खान, उपाध्यक्ष भंवरलाल कस्वां, ओमप्रकाश मुहाल (प्रांतीय कमेटी सदस्य) और चौथमल चिनिया (वरिष्ठ शिक्षक नेता) ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं शिक्षकों में वैचारिक परिपक्वता लाती हैं।
सैकड़ों शिक्षकों ने भाग लिया
इस अवसर पर महेंद्र शर्मा, कृष्ण कुमार, सतीश जांगिड़, राकेश टाक, हेतराम चाहर, राजपाल ढाका, रामनिवास सारण, महेंद्र हुड्डा, राजेंद्र कुमार, ओमप्रकाश गोस्वामी, मनीराम सारण, प्रहलाद सहू, भंवरलाल सारण, मनोज डूडी, मुकेश सैनी, मुरली अजमेरिया, हरिराम धेतरवाल, रामूराम, सुभाष नैण, अमरदीप, रमेशचंद्र, उम्मेद कुम्हार, रामकिशन ज्यानी सहित सैकड़ों शिक्षक शामिल हुए।