Success Story: यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षा में से एक मानी जाती है। इस परीक्षा को पास करने में कई साल का समय लग जाता है। हर साल बड़े पैमाने पर लोग इस परीक्षा को देते हैं लेकिन इस परीक्षा को पास करना बेहद ही मुश्किल होता है।
आज हम आपको एक ऐसे लड़के की कहानी बताएंगे जिसे बोलने और सुनने में दिक्कत होती थी। दिव्यांग होने के बाद भी इस लड़के ने यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पास कर दिखाया और IES ऑफिसर बन गए।
मानवेंद्र बुलंदशहर के रहने वाले हैं और उनके लिए यह सफलता बेहद मुश्किल थी। उन्हें शारीरिक रूप से कई समस्याएं थी। उनकी मां रेनू ने बताया कि उन्हें बचपन से ही शारीरिक समस्याएं थी और चलने फिरने में काफी परेशानी होती थी इसके साथ ही उन्हें बात करने में भी दिक्कत होती थी।
रेनू ने बताया कि मानवेंद्र हर चीज को बहुत अच्छी तरह से समझ लेते थे ऐसे में हमें समझ आया कि उनकी फिजिकल हेल्थ को स्ट्रांग करने की बजाय मेंटल हेल्थ को स्ट्रांग करना होगा। उनकी IQ और इंटेलिजेंस को देखकर हमने उनके ऊपर काम करना शुरू किया।
दसवीं क्लास तक आते-आते मानवेंद्र ने यह बात समझ लिया कि वह पढ़ने में काफी होशियार है। भगवान ने उनसे कुछ छीना है तो बहुत कुछ दिया है ऐसे में उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और 12वीं के साथ-साथ JEE परीक्षा को भी पास कर लिया और 2024 में ITT PATNA से उन्होंने बीटेक किया।
मानवेंद्र के पिता का निधन बचपन में हो गया तब उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया लेकिन मन रेनू ने बच्चों के लिए हिम्मत बधाई। रेनू सिंह एक स्कूल में प्रिंसिपल है। मानवेंद्र ने अपनी पूरी पढ़ाई अपने नानी के घर रहकर की है। मानवेंद्र ने भारतीय इंजीनियरिंग सेवा IES को पास करके अपने जिले का नाम रोशन किया है। मानवेंद्र ने दिखा दिया कि अगर हौसले बुलंद हो तो किसी भी मुश्किल परीक्षा को पास किया जा सकता है।