Success Story : बड़े बुजुर्गों को कहते हुए आपने सुना होगा कि जो मुश्किलों के आगे हार नहीं मानते वही इतिहास लिखते हैं। कई ऐसे लोग हैं जो मुश्किलों से हार जाते हैं और मुश्किलों के आगे घुटने टेक लेते हैं।
आज हम आपको हरियाणा के एक ऐसी लड़की के बारे में बताएंगे जिसने मुश्किलों से लड़कर इतिहास लिख दिया। पति की मौत भी अंजू का हौसला नहीं तोड़ पाई अंजू ने अपने परिवार के सपोर्ट से कठिन परीक्षा को पास कर एक बड़ा पोस्ट हासिल किया।
हरियाणा के किसान परिवार में अंजू यादव का जन्म हुआ जो आज राजस्थान में डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ़ पुलिस के पद पर। 2025 सितंबर में आयोजित पासिंग परेड में वह राजस्थान पुलिस सेवा में पुलिस अधीक्षक बनी है। साल 2021 में विधवा कोटा से उन्होंने परीक्षा दिया जिसके बाद उन्हें 1725 वीं रैंक हासिल हुई और साल 2023 में उनका रिजल्ट जारी किया गया।
DSP अंजू यादव
अंजू यादव की शादी है 21 साल की उम्र में हो गई इसके बाद वह घर के कामों में उलझी रही और पति की भी मौत हो गई।अंजू यादव सिंगल मदर बनाकर अपने बच्चे और परिवार की जिम्मेदारी उठाने लगी। मुश्किलों को हंस कर झेल और अपना अलग पहचान बनाने के बारे में सोच लिया।
अंजू यादव का जन्म 1988 में हरियाणा के नारनौल के धोलेरा गांव में हुआ और उनके पिता लालाराम यादव एक किसान है और मां सुशीला देवी गृहणी है। अंजू ने गांव के सरकारी स्कूल से पढ़ाई किया और 12वीं तक सरकारी स्कूल से पढ़ने के बाद डिस्टेंस से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
अंजू की तीन बहन और है 6 लोगों के परिवार का खर्चा उठाने के लिए उनके पापा परचून का दुकान चलाते थे। तंगी के बाद भी उनके पिताजी ने अपने तीन चारों बेटियों को अच्छे से पढ़ाया।अंजू यादव की दो बहने प्राइवेट नौकरी करती है वही एक बहन सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही है
2021 में अंजू के पति की मौत हो गई इसके बाद उन्होंने खुद को संभाला और हिम्मत जताते हुए उन्होंने राजस्थान प्रशासनिक सेवा की परीक्षा दी और आज वह डीएसपी बन चुकी है। अंजू यादव उन तमाम महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है जो जीवन के मुश्किलों के आगे हारना नहीं चाहती और कुछ करके दिखाती है।