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पकौड़े-नमकीन बेचने वाले पिता की बेटी बनी IAS, मुश्किलों से लड़कर भरतपुर की बेटी नें पास किया UPSC, पढ़े दीपेश की कहानी

UPSC Success Story in Hindi: हर साल बड़े पैमाने पर लोग यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को देते हैं लेकिन इस परीक्षा को पास करना बेहद है मुश्किल होता है। यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ता है। कुछ ऐसे बच्चे हैं जो मुश्किलों से हार कर इस परीक्षा की तैयारी बीच में छोड़ देते हैं लेकिन कुछ ऐसे बच्चे भी हैं जो मुश्किलों से लड़ते हुए इस परीक्षा को पास करके दिखाते हैं। आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताएंगे जिसने मुश्किलों से लड़ते हुए इस कठिन परीक्षा को पास करके दिखाया।

राजस्थान के भरतपुर में अटल बांध इलाके में रहने वाली दीपेश कुमारी एक हीरो हैं और उनसे भी बड़े हीरो हैं उनके पिता गोविंद कुमार जिन्होंने 25 साल तक पकौड़े-नमकीन जैसे स्नैक बेचकर 7 लोगों के परिवार का पालन पोषण किया। भले ही गरीबी थी लेकिन दीपेश के पिता कभी भी अपने बच्चों की पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़े।

एक छोटे से कमरे में रहता था बड़ा परिवार

दीपेश का परिवार भले ही एक छोटे से कमरे में रहता था लेकिन दीपेश ने हमेशा बड़े सपने देखे। वह आईएएस ऑफिसर बनना चाहती थी इसके लिए उन्होंने काफी कड़ी संघर्ष किया। उनका संघर्ष है जो उन्हें यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा को पास करने का हौसला दिया।

स्कूल से IIT तक का सफर, फिर UPSC

दीपेश कुमारी अपने पांच भाई बहनों में सबसे बड़ी है और बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज थी। वह शिशु आदर्श विद्या मंदिर में पढ़ाई की और दसवीं में 98% अंक से पास हुई जिसके बाद 12वीं में उन्हें 89% अंक मिला।

इसके बाद उन्होंने MBM इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर से सिविल इंजीनियरिंग में B.Tech किया। फिर IIT बॉम्बे से M.Tech किया। उन्होंने 1 साल तक प्राइवेट नौकरी की लेकिन उसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी।

पहली कोशिश में मिली नाकामी

दीपेश को 2020 में अपने पहले UPSC अटेम्प्ट में सफलता नहीं मिली। सफल नहीं होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार संघर्ष करती रही।

2021 में EWS अंदर ऑल इंडिया 4th रैंक

साल 2021 में अपनी दूसरी कोशिश में उन्होंने ऑल इंडिया 93वीं रैंक हासिल की। उन्हें IAS अफसर के तौर पर चुना गया। उन्होंने EWS कैटेगरी में भी 4th रैंक भी हासिल की, यानी एक तरह से वह एक टॉपर कैंडिडेट बनकर उभरीं और IAS बनने का सपना साकार किया।