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राजस्थान में 342KM लंबे एक्सप्रेस वे का होगा निर्माण, इन 18 गांवो से ली जाएगी जमीन, किसानों पर बरसेगा पैसा

Rajasthan News: भरतपुर से ब्यावर तक 342 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए टोंक जिले के निवाई उपखंड क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए 18 गांव से जमीन ली जाएगी।राजस्व विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की संयुक्त टीम के द्वारा इस क्षेत्र में सीमांकन और सर्वे का काम किया जा रहा है।

सूत्रों की माने तो अधिग्रहण की प्रारंभिक अधिसूचना जारी कर दी गई है और जल्द ही प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। सभी ग्राम पंचायत में सिविर लगाकर किसानों की आपत्तियां और सुझाव भी लिया जाएगा।

किसानों को मिलेगा मोटा मुआवजा

अधिकारियों ने बताया कि किसानों की सहमति से ही उनकी जमीन ली जाएगी और उनका काफी अच्छा मुआवजा दिया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से राजस्थान के पूर्वी हिस्से को पश्चिमी औद्योगिक बेल्ट से जोड़ा जाएगा। इससे आवाज गण में सुधार होगा इसके साथ ही राज्य की आर्थिक नक्शे पर टोंक का महत्व बढ़ जाएगा।

इन गावों से ली जाएगी जमीन

आदेश के तहत श्रीदयालपुरा, नगर, गुन्सी, चनानी, हनोतिया बुजुर्ग, लुनेरा, बाढ़ गोरखुर्द, दतवास, कुशवदा, सीपुरा, गणेशपुरा, दहलोद, करेडा बुजुर्ग, दयालपुरा, बिचपुरी, लुहारा और शाहजहांपुरा की सरकारी एवं निजी भूमि एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए अधिग्रहित की जानी प्रस्तावित है।

एक्सप्रेसवे बनने से फायदा

इस एक्सप्रेसवे के बनने से टोंक जिले का सीधा संपर्क भरतपुर जयपुर और ब्यावर के औद्योगिक क्षेत्र से हो जाएगा। इससे व्यापारिक गतिविधियां तेज हो जाएगी और युवाओं को रोजगार मिलेंगे साथ ही साथ निवाई से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात का दबाव घट जाएगा। जमीन की कीमतों में भी काफी बढ़ोतरी होगी।