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राजस्थान में डॉन स्टाइल गिरोह का पर्दाफाश, पीसीपीएनडीटी की बड़ी कार्रवाई

PCPNDT team arrests portable sonography machine smuggler at Jaipur

पीसीपीएनडीटी टीम ने पकड़ा चीन निर्मित मशीन बेचने वाला गिरोह

जयपुर/सीकर, राजस्थान में भ्रूण लिंग जांच के अवैध कारोबार पर पीसीपीएनडीटी टीम ने बड़ी सफलता हासिल की है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. अमित यादव के निर्देशन में एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया गया है, जो चीन निर्मित पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीनें भारत में अवैध रूप से बेच रहा था।


डॉन स्टाइल में मशीन बेचने आया आरोपी

टीम ने पश्चिम बंगाल के हुगली निवासी अमिताभ भादुरी को जयपुर से गिरफ्तार किया, जो कोलकाता स्थित डॉ. आदित्य मुरारका की कंपनी से मशीन लेकर आया था। उसने सवा छह लाख में सौदा तय किया था। आरोपी ने जयपुर रेलवे स्टेशन पर रुककर अपने आका को वॉइस मैसेज भेजा:

“डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है… और वो डॉन हो आप, डॉ. आदित्य मुरारका।”


दो महीने की गुप्त रैकी के बाद कार्रवाई

एएसपी डॉ. हेमंत जाखड़ के अनुसार, मुखबिर से सूचना मिलने के बाद दो माह तक रैकी की गई। सौदा तय कर आरोपी को जयपुर बुलाया गया और सेंट्रल पार्क में टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया


चीन से होती थी तस्करी, सूटकेस में आती थी मशीन

गिरोह चीन से पोर्टेबल कलर डॉपलर मशीनों को तस्करी से लाता था। ये मशीनें इतनी छोटी होती हैं कि सूटकेस में छिपाई जा सकती हैं और बिना किसी अनुमति के देशभर में बेची जाती थीं।


राजस्थान सरकार की सख्ती रंग लाई

डॉ. अमित यादव और डॉ. टी शुभमंगला (एमडी और एएमडी, एनएचएम) ने खुद मशीन जांची और कार्रवाई की निगरानी की। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि लिंग परीक्षण करने वाले ऐसे गिरोहों को जड़ से खत्म करना उनकी प्राथमिकता है।


बीकानेर टीम की रही अहम भूमिका

इस कार्रवाई में बीकानेर जोन के निदेशक डॉ. देवेंद्र चौधरी और प्रभारी महेंद्र सिंह चारण ने गुप्त सूचना एकत्र करने से लेकर ऑपरेशन तक अहम भूमिका निभाई। पीबीआई थाना जयपुर की टीम ने आरोपियों को धरदबोचा।


राजस्थान की टीम बनी राष्ट्रीय मॉडल

राजस्थान पीसीपीएनडीटी ने हाल ही में गुजरात, पंजाब और अन्य राज्यों में डिकॉय ऑपरेशन कर भ्रूण लिंग जांच रोकने में सफलता पाई थी। अब इस अंतर्राष्ट्रीय ऑपरेशन ने राज्य को देश की सबसे सशक्त पीसीपीएनडीटी टीम के रूप में स्थापित कर दिया है।


निष्कर्ष:

इस तरह की कार्रवाई से न सिर्फ बेटियों को बचाने का संदेश गया है, बल्कि अपराधियों को कड़ा संदेश भी मिला है। राजस्थान सरकार की यह मुहिम बाकी राज्यों के लिए प्रेरणास्रोत बन रही है।