Rajasthan News: उत्तराखंड के धारली क्षेत्र में बादल फटने के बाद हुई आपदा में कोटपूतली बहरोड जिले के भौनावास निवासी अग्नि वीर भीम सिंह शेखावत लापता हो गए थे। 70 दिनों के बाद उनका सर्च ऑपरेशन में शव बरामद हुआ है। डीएनए जांच के बाद उनकी पहचान हुई और परिजनों को सूचना दी गई। मंगलवार की शाम भी सिंह शेखावत को अंतिम विदाई दी गई और इस दौरान उनका पूरा गांव रो पड़ा।
2024 में हुए थे भर्ती
सामने जानकारी के अनुसार 19 साल के भीम सिंह 28 अक्टूबर 2024 को राजपूताना राइफल्स में अग्नि वीर के रूप में शामिल हुए थे और यह उनकी पहली पोस्टिंग थी। उत्तराखंड में बादल फटने के बाद वह लापता हो गए इसके बाद सी लगातार उनकी तलाश कर रही थी।
लंबे समय के बाद उनके शव को बरामद किया गया। तिरंगे में लिपटा राजस्थान का लाल जैसे ही अपने गांव पहुंचा पूरा गांव रो पड़ा।
किलोमीटर तक उमड़ा जन सैलाब
मंगलवार की सुबह जब भी सिंह शेखावत का पार्थिव शरीर प्रागपुर थाना आया। तो वहां से उनके गांव भौनावास तक लगभग 7 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई। ग्रामीण और युवाओं का जन सैलाब उमड पड़ा और लोग रास्ते भर भीम सिंह अमर रहे का नारा लगाते रहे।
शहिद के बड़े भाई कंवरपाल सिंह जो 23 साल के हैं, बताया कि उन्होंने आखिरी बार 4 अगस्त को भी से बात की। उसने बताया कि छुट्टी मिलते ही वह घर आया और मकान की मरम्मत करवाने की बात कहा। 5 अगस्त को जब हादसे की खबर मिली तो परिवार से उनका संपर्क टूट गया और कोई जवाब नहीं मिल पाया।
इसके बाद उनके कंपनी कमांडर का फोन आया और बताया कि आठ लड़के नहीं मिल रहे हैं। आठ जवान एक साथ लापता हो चुके थे। रविवार को उनके सीओ ने फोन करके उनकी शहादत की खबर परिवार वालों की दी।