Rajasthan: सनातन धर्म में दीपावली के त्यौहार का विशेष महत्व है। इस दिन माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा की जाती है। 20 अक्टूबर को दिवाली का त्यौहार मनाया जाएगा।
इस दिन लोग अपने घर में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। आज हम आपको राजस्थान के ऐसे गांव के बारे में बताने वाले हैं जहां दिवाली के दिन शमशान घाट की पूजा होती है।
यह महिला है नवजातों को ले जाकर धोक लगवाती है। वह लंबी उम्र का आशीर्वाद मांगने के लिए ऐसा करती है। यह मन्नत अलवर जिले के बानसूर गांव के तहसील में माना जाता है।
यह प्रथा 36 कौमो की ओर से चली आ रही है। दिवाली के सुबह से ही महिलाएं अपने बच्चों के साथ शमशान घाट चली जाती है।
श्मशान घाट में सती माता का मंदिर है वहीं पूजा और आराधना की जाती है। स्थानीय निवासियों के अनुसार यह प्रथा 400 साल पहले शुरू हुई थी।
400 साल पहले गुता गांव की एक लड़के की शादी बावरिया गांव की लड़की से तय हुई थी। लड़के की मौत हो गई जिसके बाद उसकी लाश को श्मशान घाट ले जाया गया। लड़की भी शमशान घाट गई और वहां उसके पति के शव के पास खड़ी हो गई तभी उसके शरीर में आग लग गया।
बताया जाता है की माता सती के साथ एक कुत्ता आया था वह पत्थर का मूर्ति बन गया। अब आसपास के गांव की महिलाएं भी होली और दीपावली पर नंगे पास श्मशान घाट पहुंचकर सती माता की कहानी सुनते हैं। और यहां पूजा करते हैं।