Posted inRajasthan News (राजस्थान समाचार)

केंद्र की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा : राजस्थान के 8 जिले देश के सबसे खतरनाक इलाकों में शामिल, बढ़ाई गई सतर्कता

Rajasthan News: भारत में होने वाली सड़क हादसों में मौत के मामले में राजस्थान टॉप पर पहुंच गया है।राजस्थान के आठ जिलों को देश के टॉप 100 में शामिल किया गया है और इन जिलों में अब डेथ रेट जीरो लाने के लिए सरकार खास अभियान चलाने वाली है।

इसके पहले 6 अक्टूबर 2025 को मुख्यमंत्री बादल लाल शर्मा को लिखा गया केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय का एक पत्र सामने आया है। केंद्रीय सड़क मंत्रालय ने राजस्थान में होने वाले सड़क दुर्घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर की है।

राजस्थान के आठ ऐसे जिले हैं जहां सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। केंद्रीय सड़क मंत्रालय इन हादसों पर लगाम लगाने के लिए जीरो फर्टिलिटी जिला प्रोग्राम शुरू करने का फैसला लिया है।

हादसों में कमी लाने के लिए चलाई जाएगी विशेष अभियान

इस योजना का उद्देश्य है चुने हुए जिलों में सड़क सुरक्षा की गतिविधियों को बढ़ावा देना ताकि सड़क हादसों में होने वाले मौत को काम किया जा सके।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लिखा कि सड़क हादसों की वजह से कई परिवार उजड़ गए हैं और राजस्थान के आठ जिलों में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं।सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।

राजस्थान के ये 8 जिले सर्वाधिक मौतों के मामले में आगे

  • उदयपुर जिले में हादसों में सर्वाधिक मौतें, देशभर में रैंक 14
  • अजमेर की हादसों में मौतों के मामले में 27वीं रैंक
  • जयपुर 41वें नंबर पर, नागौर की रैंक रही है 35
  • सीकर जिला 59वें नंबर पर, भीलवाड़ा 67वें स्थान पर
  • भरतपुर सड़क दुर्घटनाओं में मौतों में 69वें नंबर पर
  • वहीं बाड़मेर जिला 85वें स्थान पर रहा

केन्द्रीय मंत्रालय ने क्या दिए हैं निर्देश

  • सभी जिला सड़क सुरक्षा समितियों को सक्रिय किया जाए
  • जिला स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करते हुए समन्वय करें
  • इसे लेकर जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र सोनी ने नोडल अधिकारी लगाए
  • अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ट्रैफिक सरिता बडगुजर को लगाया गया
  • परिवहन से जयपुर आरटीओ प्रथम, पीडब्ल्यूडी से XEN गजानंद मीणा
  • चिकित्सा से सीएमएचओ डॉ. रवि शेखावत को किया गया नियुक्त
  • कमेटी को 21 दिन में डिटेल्ड इम्प्लीमेंटेशन रोडमैप बनाना होगा
  • क्रेश डेटा रिकॉर्डिंग और एनालिसिस सिस्टम विकसित किया जाएगा
  • सेव लाइफ फाउंडेशन द्वारा तकनीकी विशेषज्ञता उपलब्ध कराई जाएगी
  • हर माह की 5 तारीख को मंथली प्रोग्रेस रिपोर्ट सब्मिट करनी होगी