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‘दोस्ती हो तो ऐसी’…, बचपन के जिगरी दोस्त एक साथ बने RAS अफसर, कठिन संघर्ष कर पाई सफलता

RAS Success Story: कहते हैं इंसान सच्ची दोस्ती के लिए कुछ भी कर सकता है। कुचामन सिटी के घाटवा गांव के दो बेस्ट फ्रेंड ने सच्ची दोस्ती और मेहनत का एक उदाहरण पेश किया है। इन दोनों की दोस्ती और संघर्ष की कहानी पूरे राजस्थान के लिए प्रेरणा बन गई है।

बचपन में एक साथ खेलने और पढ़ने वाले कुलदीप कुमावत और रविंद्र कुमावत ने एक साथ राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा में सफलता पाई है। दोनों ने प्रदेश में अपने परिवार का और अपने गांव का नाम रोशन किया है।

RAS फाइनल परिणाम में कुलदीप कुमावत को 11वीं रैंक मिली वहीं रविंद्र कुमावत को 541वीं रैंक मिली। दोनों ही दोस्त अभी के समय में कनिष्ठ लेखाकार के पद पर कार्यरत है।

नौकरी के साथ दोनों निरंतर तैयारी करते रहे है। दोनों युवाओं ने सफलता का श्रेय कठिन परिश्रम आत्मविश्वास और परिवार गुरु जनों को दिया है। दोनों दोस्तों का कहना है कि वह एक दूसरे के लिए काफी लकी है।

दोनों दोस्तों नें अपने शिक्षक सुनील कुमावत के मार्गदर्शन को श्रेय दिया है।रविंद्र कुमावत ने कहा कि हमारी दोस्ती हर कठिन समय में एक दूसरे के साथ रहती है।हमने बचपन से ही ठान लिया था कि हम कुछ बड़ा करेंगे और हमने बड़ा करके दिखाया।