सीकर में आवारा कुत्तों का नियंत्रण तेज़ गति से
सीकर। नगर परिषद सीकर और BSWS (एनजीओ) द्वारा शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और रेबीज़ जैसी बीमारियों की आशंका को देखते हुए एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) अभियान को तेज़ रफ्तार में संचालित किया जा रहा है।
अभियान का उद्देश्य स्पष्ट है—वैज्ञानिक, मानवीय और दीर्घकालिक समाधान के माध्यम से शहर को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाना।
ABC केंद्र में की जाने वाली प्रमुख प्रक्रियाएँ
- स्टेरिलाइज़ेशन (बधियाकरण): आबादी नियंत्रण का सबसे प्रभावी तरीका।
- एंटी-रेबीज़ टीकाकरण: शहर को रेबीज़-फ्री बनाने की दिशा में कदम।
- 3–5 दिन की देखभाल: साफ-सफाई, दवाइयाँ और रिकवरी की व्यवस्था।
सभी प्रक्रियाएँ अनुभवी पशु चिकित्सक, प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ और प्रोफेशनल डॉग हैंडलर्स द्वारा संवेदनशीलता से की जाती हैं।
स्वास्थ्य लाभ के बाद कुत्तों को उनकी मूल लोकेशन पर सुरक्षित छोड़ दिया जाता है, जिससे क्षेत्रीय संतुलन भी बना रहता है।
अभियान का कानूनी और मानक अनुपालन
ABC अभियान नगरपालिका अधिनियम, पशु कल्याण बोर्ड (भारत) और सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप संचालित हो रहा है।
अब तक कुल 255 कुत्तों को पकड़ा गया, जिसमें 12 कुत्तों को रिजेक्ट किया गया और 243 का ऑपरेशन पूरा किया गया।
शहरवासियों से विशेष अपील
नगर परिषद आयुक्त शशिकांत शर्मा ने नागरिकों से कहा—
- ABC टीम के कार्य में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप न करें।
- कुत्तों को पकड़ते या छोड़ते समय भीड़ न लगाएं।
- टीम को पूरा सहयोग दें, जिससे अभियान तेज़ और प्रभावी बने।
“हमारा लक्ष्य—सुरक्षित शहर, स्वस्थ नागरिक और जिम्मेदार पशु प्रबंधन।”