सीकर, ग्राम पंचायत गारिण्डा के लोगों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संवल पखवाड़ा के तहत आयोजित शिविर में 100 वर्ष पुराने रास्ते को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कर दोबारा चालू किया गया।
4 किलोमीटर लंबा ऐतिहासिक मार्ग
गारिण्डा के खसरा नंबर 714/351, 353/2, 353/3, 356/2, 357, 358, 447, 441, 439, 436, 428, 505, 435, 515, 516 में यह लगभग 4 किमी लंबा रास्ता एक समय आमजन के आवागमन का प्रमुख मार्ग था, लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में कटानी नहीं होने के कारण यह बंद हो गया था।
ग्रामीणों को मिला बड़ा लाभ
इस रास्ते के दोबारा खुलने से गांववासियों को आवागमन में भारी राहत मिली है। पहले ग्रामीणों को वैकल्पिक और लंबे रास्ते से गुजरना पड़ता था, जिससे समय और श्रम दोनों की बर्बादी होती थी।
प्रशासन और राजस्व विभाग की भूमिका
राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर अमल दरामद की प्रक्रिया पूरी की और रास्ते को पुनः सार्वजनिक मार्ग के रूप में दर्ज किया।
इस प्रयास के लिए आवेदक भागीरथमल स्वामी और अन्य काश्तकारों ने सरकार व प्रशासन का आभार जताया।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
भागीरथमल स्वामी ने कहा:
“हम पिछले कई वर्षों से इस रास्ते को दोबारा चालू करने की मांग कर रहे थे। शिविर के दौरान प्रशासन ने हमारी समस्या सुनी और तुरंत समाधान किया।”
अन्य ग्रामीणों ने भी बताया कि अब उन्हें खेत, विद्यालय, मंदिर और बाजार तक पहुँचने में पहले जैसी परेशानी नहीं होगी।