खाटूश्यामजी में तीन नाबालिगों को भिक्षावृति से बचाया गया
सीकर, मानव तस्करी विरोधी इकाई (AHTU) और चाइल्ड हेल्पलाइन की संयुक्त कार्रवाई में खाटूश्यामजी क्षेत्र से तीन नाबालिग बच्चों को भिक्षावृति से मुक्त करवाया गया।
बचाए गए बच्चों में दो बच्चियां और एक बच्चा शामिल हैं, जिनकी उम्र 7 से 15 वर्ष के बीच बताई गई है।
बच्चों को सुरक्षित आश्रय में भेजा गया
रेस्क्यू के बाद सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति (CWC) के सदस्य बिहारी लाल बालान के समक्ष पेश किया गया।
दोनों बच्चियों को सखी वन स्टॉप सेंटर और बच्चे को कस्तूरबा सेवा संस्थान में अस्थाई रूप से रखा गया है।
टीम ने दिखाई सतर्कता और संवेदनशीलता
इस अभियान में एएचटीयू प्रभारी एसआई कृतिका सोनी, सुलोचना, कमलेश, प्रेम प्रकाश, तथा चाइल्ड हेल्पलाइन से राकेश चिरानिया और ममता सैनी शामिल रहे।
टीम ने बच्चों को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू करने के साथ ही उन्हें मानसिक सहारा भी दिया।
भिक्षावृति उन्मूलन की दिशा में अहम कदम
अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई भिक्षावृति उन्मूलन और बाल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
विभाग का कहना है कि भविष्य में भी ऐसे अभियान लगातार चलाए जाएंगे ताकि बच्चों को शोषण और असुरक्षित माहौल से मुक्त किया जा सके।
अधिकारी का कहना
एएचटीयू प्रभारी एसआई कृतिका सोनी ने कहा —
“बच्चों का बचपन सड़क पर नहीं, सुरक्षित वातावरण में होना चाहिए। हम हर संभव प्रयास करेंगे कि कोई भी बच्चा भिक्षावृति का शिकार न बने।”