भिक्षावृति से दो नाबालिग बालक मुक्त
सीकर, शहर में भिक्षावृति उन्मूलन के लिए जिला प्रशासन और बाल अधिकारिता विभाग की ओर से एक और अहम कार्रवाई की गई। मानव तस्करी विरोधी यूनिट और चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने संयुक्त अभियान चलाकर दो नाबालिग बच्चों को भीख मांगने से मुक्त करवाया।
8 से 10 वर्ष की उम्र के हैं बच्चे
प्रशासनिक जानकारी के अनुसार, रेस्क्यू किए गए बच्चों की उम्र 8 से 10 वर्ष के बीच है। यह बच्चे लंबे समय से भीख मांगने के कार्य में संलिप्त थे। शहर के मुख्य चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर भिक्षा मांगते हुए पाए जाने पर इन्हें रेस्क्यू किया गया।
बाल कल्याण समिति के सामने पेशी
बचाव के बाद दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष अंकुर बहड़ के समक्ष पेश किया गया। समिति के निर्देशानुसार दोनों को कस्तूरबा सेवा संस्थान में अस्थाई रूप से प्रवेशित किया गया है।
टीम में कौन-कौन रहा शामिल
इस संयुक्त कार्रवाई में मानव तस्करी विरोधी इकाई की प्रभारी एसआई कृतिका सोनी, कौशल्या, कमलेश, प्रेम प्रकाश सहित चाइल्ड हेल्पलाइन से राकेश चिरानिया और ममता सैनी शामिल रहे। सभी ने सामाजिक सरोकार की इस मुहिम में सक्रिय भूमिका निभाई।
भिक्षावृति के खिलाफ लगातार कार्रवाई
सीकर जिले में भिक्षावृति और बाल शोषण के विरुद्ध प्रशासन सक्रिय है। यह कार्रवाई समाज के सबसे कमजोर वर्ग को संरक्षण देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।