सीकर, बालश्रम और मानव दुर्व्यापार की रोकथाम के लिए लिखित पुस्तक ‘होप रिस्टॉर्ड’ की प्रति सीकर जिले के पुलिस अधीक्षक प्रवीण नायक नुनावत को भेंट कर जिले को बालश्रम मुक्त बनाने की अपील की गई।
बालश्रम उन्मूलन के लिए सामूहिक जिम्मेदारी
बाल कल्याण समिति सदस्य बिहारी लाल बालान ने कहा कि देश में कड़े कानून और नीतियां होने के बावजूद जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी के बिना बालश्रम खत्म करना चुनौती बना हुआ है। उन्होंने बताया कि ‘होप रिस्टॉर्ड’ पुस्तक इस दिशा में ठोस कार्ययोजना और दिशा प्रदान करती है।
पुस्तक की खास बातें
पुस्तक के लेखक और बाल अधिकार विशेषज्ञ डॉ. शैलेन्द्र पंड्या ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में 16 करोड़ बच्चे बालश्रम में फंसे हैं। भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार 1.10 करोड़ बच्चे (5 से 14 वर्ष) मजदूरी कर रहे हैं।
यह पुस्तक भारत में बने कानून, योजनाएं और बाल श्रमिकों के पुनर्वास की प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाती है।
प्रधानमंत्री और NHRC का समर्थन
गायत्री सेवा संस्थान के जिला समन्वयक नरेश सैनी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुस्तक के लिए शुभकामनाएं भेजीं, जबकि राष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने इसे सभी हितधारकों के लिए उपयोगी बताया।
आगे की योजना
चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के काउंसलर राकेश चिरानिया और गायत्री सेवा संस्थान की काउंसलर जितेंद्र नाथावतपुरा ने बताया कि जल्द ही इस पुस्तक के आधार पर जिला स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।