सीकर, बाल तस्करी जैसी गंभीर सामाजिक समस्या की रोकथाम के लिए रेलवे पुलिस, बाल अधिकारिता विभाग और गायत्री सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में सीकर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम विश्व मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस (30 जुलाई) के उपलक्ष्य में 15 से 30 जुलाई तक चल रहे विशेष अभियान के तहत आयोजित हुआ।
यात्रियों की सतर्कता से रुक सकती है बाल तस्करी
मुख्य वक्ता डॉ. शैलेन्द्र पंड्या (निदेशक, गायत्री सेवा संस्थान, उदयपुर) ने कहा—
“जैसे यात्री अपने सामान की सुरक्षा करते हैं, वैसे ही यदि वे अकेले यात्रा कर रहे बच्चों या संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखें और तुरंत रेलवे पुलिस या चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 को सूचना दें, तो कई बच्चों को तस्करी से बचाया जा सकता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि बाल तस्करी के रैकेट को समाप्त करने में आमजन की भागीदारी और समय पर सूचना बेहद अहम है।
बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी
बाल अधिकारिता विभाग, सीकर की सहायक निदेशक गार्गी शर्मा ने बताया कि सरकार और समाज मिलकर बच्चों के पुनर्वास, शिक्षा और काउंसलिंग के लिए काम कर रहे हैं।
“हर जागरूक नागरिक बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा में भूमिका निभा सकता है।”
रेलवे स्टेशन पर हुआ शिक्षाप्रद भ्रमण
इस अवसर पर विद्याश्रम ग्लोबल स्कूल के छात्रों को स्टेशन भ्रमण कराया गया और बाल तस्करी से जुड़े खतरों और उपायों से अवगत कराया गया।
पोस्टर प्रदर्शनी और पर्चे वितरण के माध्यम से यात्रियों को जागरूक किया गया।
आरपीएफ व अधिकारियों की अपील
आरपीएफ सीकर प्रभारी गोकुल सिंह शेखावत ने यात्रियों से अनुरोध किया कि—
“यदि कोई बच्चा संदिग्ध परिस्थिति में दिखाई दे, तो तुरंत रेलवे हेल्पलाइन 139 या चाइल्डलाइन 1098 पर सूचित करें। आपकी सतर्कता कई बच्चों की ज़िंदगी बचा सकती है।”
मौजूद रहे ये अधिकारी व संस्थान
कार्यक्रम में स्टेशन अधीक्षक रविकांत चोहला, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष डॉ. अंकुर बहड़, लेबर इंस्पेक्टर संजीत चौधरी, गायत्री सेवा संस्थान से आशिता जैन व अमित राव, जिला परियोजना अधिकारी नरेश सैनी, चाइल्डलाइन टीम के राहुल, राकेश व विनीत कुमार उपस्थित रहे।
संबंधित हेल्पलाइन जानकारी:
- चाइल्डलाइन: 1098
- रेलवे हेल्पलाइन: 139