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साइबर सुरक्षा एडवाइजरी: पासवर्ड अनुमान असंभव बनाइए

Sikar police issues cyber security advisory on strong password safety

हैकर्स पूछते नहीं, अनुमान लगाते हैं—अपना पासवर्ड अनुमान असंभव बनाइए

सीकर, देशभर के मुख्य सचिवों के तृतीय राष्ट्रीय सम्मेलन में ‘साइबर सुरक्षा—उभरती चुनौतियां’ विषय पर यह निर्णय हुआ कि आमजन को डिजिटल साक्षरता के माध्यम से साइबर अपराधों से बचाया जाए।

राज्य के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (साइबर क्राइम एवं तकनीकी सेवाएं) ने इसी क्रम में एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है, जिसमें नागरिकों को पासवर्ड सुरक्षा, फिशिंग अटैक, और ऑनलाइन ठगी से बचाव के उपाय बताए गए हैं।


पासवर्ड सुरक्षा: डिजिटल जीवन की पहली दीवार

एडवाइजरी के अनुसार, पासवर्ड डिजिटल जीवन की चाबी है।
यह आपके ईमेल, बैंक खाते, सोशल मीडिया और कार्य-संबंधी डाटा की सुरक्षा करता है।
यदि कोई आपका पासवर्ड चुरा लेता है, तो वह आपकी पहचान, धन और निजी जानकारी का दुरुपयोग कर सकता है।

पुलिस ने लोगों से कहा है कि वे 12 से 16 अक्षरों का मजबूत पासवर्ड बनाएं, जिसमें बड़े अक्षर, छोटे अक्षर, अंक और विशेष चिन्ह शामिल हों।

इनसे बचें:

  • अपना नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर
  • “123” या “password” जैसे आसान संयोजन
  • एक ही पासवर्ड कई अकाउंट्स में उपयोग करना

पासवर्ड प्रबंधन के लिए टिप्स

  • हर अकाउंट के लिए अलग पासवर्ड रखें।
  • पासवर्ड मैनेजर टूल्स का उपयोग करें।
  • समय-समय पर पासवर्ड अपडेट करें।
  • पासवर्ड कहीं लिखना पड़े तो उसे सुरक्षित स्थान पर रखें।
  • कभी भी अपना पासवर्ड साझा न करें, चाहे वह सहकर्मी ही क्यों न हो।

साइबर ठगी का शिकार होने पर क्या करें

यदि आप साइबर अपराध के शिकार हैं, तो तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करें
या शिकायत दर्ज करें https://cybercrime.gov.in


फिशिंग से बचें—सतर्क रहें, सुरक्षित रहें

फिशिंग क्या है?
यह एक साइबर अपराध है जिसमें ठग विश्वसनीय कंपनी या व्यक्ति बनकर आपकी व्यक्तिगत जानकारी (पासवर्ड, बैंक डिटेल्स, OTP) हासिल करने की कोशिश करते हैं।

वे कैसे धोखा देते हैं:

  • नकली ईमेल, संदेश या कॉल भेजते हैं जो असली लगते हैं।
  • लिंक पर क्लिक करवाकर नकली वेबसाइट पर ले जाते हैं।
  • डर या जल्दी कार्रवाई के दबाव में गलती करवाते हैं।
  • हानिकारक अटैचमेंट भेजते हैं जो सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

कैसे करें खुद को सुरक्षित

अनजान लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक न करें।
किसी भी कॉल या ईमेल पर पासवर्ड या OTP साझा न करें।
वेबसाइट पर जाने के लिए उसका पता खुद टाइप करें।
2-स्टेप वेरिफिकेशन चालू रखें।
अपने फोन और कंप्यूटर को हमेशा अपडेटेड रखें।
संदिग्ध ईमेल की सूचना आईटी या सिक्योरिटी टीम को दें।


पुलिस का संदेश

“हैकर्स पूछते नहीं, अनुमान लगाते हैं—इसलिए अपना पासवर्ड ऐसा बनाइए कि अनुमान असंभव हो।”
राज्य पुलिस साइबर सेल, राजस्थान