सीकर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर में मंगलवार को “भविष्य का निर्माण: साइबर सुरक्षा एवं डिजिटल फॉरेंसिक में नवाचार और सहयोग” विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और कुलगीत के साथ हुई। मुख्य वक्ता के रूप में बिहार के महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो. (डॉ.) विकास पारीक और जोधपुर से साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट डॉ. अर्जुन चौधरी ने शिरकत की।
तकनीकी नवाचारों पर चर्चा
प्रो. पारीक ने कहा कि साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों के कारण साइबर सुरक्षा की मांग तेजी से बढ़ी है। उन्होंने विश्वविद्यालयों में डिजिटल फॉरेंसिक जैसे पाठ्यक्रमों को अनिवार्य बनाने की वकालत की।
डॉ. अर्जुन चौधरी ने अपने प्रजेंटेशन में बताया कि AI और मशीन लर्निंग तकनीकों की मदद से साइबर अपराधों को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा,
“सतर्कता और जागरूकता से साइबर अपराधों से बचा जा सकता है। टेक्नोलॉजी का सही उपयोग ही रक्षा का सबसे बड़ा उपाय है।“
विश्वविद्यालय में नए पाठ्यक्रम की तैयारी
डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. रविंद्र कुमार कटेवा ने बताया कि विश्वविद्यालय जल्द ही AI और मशीन लर्निंग में डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है।
इस अवसर पर कुलसचिव श्वेता यादव, प्रो. राजेंद्र सिंह, आईटी निदेशक पंकज मील, डॉ. महेश गुप्ता, डॉ. नमिता राना सहित कई विभागों के फैकल्टी सदस्य और छात्र उपस्थित रहे।
कुलपति प्रो. (डॉ.) अनिल कुमार राय ने कहा:
“डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा बेहद संवेदनशील विषय है। छात्रों को तकनीकी दक्षता के साथ नीति निर्माण में भी सक्रिय होना होगा।“