फतेहपुर, सीकर। राजस्थान के एक स्कूल की छत गिरने से हुई बच्चों की मौत के बाद से प्रदेश भर में स्कूल भवनों की निगरानी बढ़ा दी गई है। इसी कड़ी में फतेहपुर ब्लॉक की कई राजकीय स्कूलों की जर्जर स्थिति सामने आई है।
रोसावां स्कूल का भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त
फतेहपुर कस्बे के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, रोसावां का भवन सबसे अधिक खराब हालत में है। स्कूल के 8 कमरे क्षतिग्रस्त हैं और पूरी इमारत जर्जर हो चुकी है। प्रधानाचार्य दीनदयाल डारा ने बताया कि विभाग को भवन खतरनाक घोषित कर नया निर्माण करवाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
“बरसात के दिनों में बच्चों को टीनशेड के नीचे बैठाना पड़ता है,” – प्रिंसिपल डारा।
प्रशासनिक कार्रवाई और रिपोर्ट
समाजसेवी गोविंद शर्मा के अनुसार, जिला कलक्टर ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए SDM, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, समग्र शिक्षा और PWD के अधिकारियों की संयुक्त जांच कमेटी का गठन किया।
PWD अधिशासी अभियंता रेणु सहारण की रिपोर्ट में लिखा गया कि –
“भवन 35-40 साल पुराना है। दीवारों व छतों में दरारें हैं। कक्षा संचालन के लिए सुरक्षित नहीं है।”
SDM दमयंती कंवर ने बताया कि रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को भेज दी गई है।
अन्य जर्जर स्कूलों की स्थिति
मन्नीदेवी राजकीय उप्रावि स्कूल – 3 कमरे और बरामदे की छत टपकती है।
राजकीय उप्रावि संख्या-4 – एक कक्षा में पानी टपकता है।
प्रावि संख्या-9 – दो कमरों की छत भारी बारिश में टपकती है।
प्रावि संख्या-11 – बरामदे की छत टपकती है।
सुभाष रासीसै स्कूल – 4 कमरे जर्जर, बारिश में पानी भरता है।
सुभाष सीसै इंग्लिश मीडियम स्कूल – 6 कमरों, ऑफिस और बरामदे की छतें टपकती हैं।
सीनियर सेकेंडरी स्कूल, रोसावां – 8 कमरे क्षतिग्रस्त घोषित।
नागरिकों की मांग
स्थानीय लोग और अभिभावक चाहते हैं कि भवनों की मरम्मत या पुनर्निर्माण कार्य जल्द शुरू हो, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।