श्रीमाधोपुर (सीकर), Shekhawati Live श्रीमाधोपुर इलाके की लिसाडिया ग्राम पंचायत में लंबे समय से अतिक्रमण की चपेट में आए ग्रामीण रास्ते को आखिरकार राजस्व विभाग की टीम ने अतिक्रमण मुक्त करवा दिया।
तहसीलदार की अगुवाई में हुई कार्रवाई
इस कार्रवाई का नेतृत्व तहसीलदार जगदीश प्रसाद बैरवा ने किया। टीम ने बड़बोर वाली ढाणी से करीरी गांव की ओर जाने वाले रास्ते को अतिक्रमण से मुक्त करवाया। यह रास्ता 15 से 20 ढाणियों को जोड़ता है और लिसाडिया, मूंडरू व करीरी जैसे गांवों के लिए जीवनरेखा के समान है।
ग्रामीणों ने शिविर में उठाई थी आवाज़
ग्रामीणों ने इस समस्या को हाल ही में आयोजित ग्रामीण सेवा शिविर में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के समक्ष उठाया था। इसके बाद तहसीलदार न्यायालय के आदेशानुसार कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
“हमने वर्षों से इस रास्ते पर कब्जा झेला है। अब राहत मिली है।”
— रामकिशन मीणा, स्थानीय निवासी
सीमांकन के बाद चला जेसीबी का पंजा
सीमा विवाद को देखते हुए कार्रवाई से पहले भू-प्रबंध विभाग सीकर की टीम ने सीमांकन भी किया। इसके बाद ग्राम पंचायत के सहयोग से जेसीबी द्वारा अवैध निर्माणों को हटाया गया।
कार्रवाई के दौरान ये अधिकारी मौके पर रहे:
- दीपक शर्मा – ग्राम विकास अधिकारी
- बिजेंद्र सिंह शेखावत – पटवारी
- रवीन्द्र – भू-अभिलेख निरीक्षक
- कुलदीप – विभागीय सहयोगी
- साथ ही पुलिस जाप्ता भी मौजूद रहा।
अब मिलेगी सुगम आवाजाही
ग्रामीणों ने बताया कि इस रास्ते से छात्रों, किसानों और बुजुर्गों को काफी राहत मिलेगी। रास्ता खुलने से गांवों की सीधी कनेक्टिविटी बहाल हो गई है, जिससे स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि गतिविधियों में सुविधा होगी।
“यह केवल रास्ता नहीं, ग्रामीणों के लिए जीवन की डोर है।”
— दीपक शर्मा, ग्राम विकास अधिकारी