फतेहपुर (सीकर), जहां आजकल शादी के बाद आशीर्वाद समारोह महंगे होटल या मैरिज गार्डन में होते हैं, वहीं फतेहपुर कस्बे में एक परिवार ने गौसेवा और सामाजिक सरोकार को प्राथमिकता देते हुए एक मिसाल कायम की है।
कायमसर निवासी दुबई प्रवासी सुभाष चंद्र जांगिड़ ने अपने पुत्र इंजीनियर अमित जांगिड़ की 4 जुलाई को शादी के बाद आशीर्वाद समारोह बुधगिरी मढ़ी गौशाला परिसर में आयोजित किया, जो अब चर्चा का विषय बन गया है।
गौमाता के लिए 40 लाख की लागत से बना ‘जगदीश्वर गोआवास’
इस अवसर पर विकलांग, बीमार व बेसहारा गोवंश की सेवा के लिए 40 लाख रुपये की लागत से “जगदीश्वर गोआवास” का निर्माण किया गया।
गोआवास का उद्घाटन विवाह आशीर्वाद समारोह के दौरान किया गया, जिसमें देशभर से संत, सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि पहुंचे।
गोआवास में विशेष रूप से:
- विकलांग गोवंश के लिए चिकित्सा, चारे, पानी, कूलर-पंखे जैसी संपूर्ण व्यवस्था की गई है।
- 100 फीट चौड़ा व 200 फीट लंबा यह भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है।
- मढ़ी गौशाला में विकलांग गोवंश लाने हेतु एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है।
धार्मिक-सामाजिक संतों और अधिकारियों की उपस्थिति
समारोह में बुद्धगिरी मढ़ी के महंत दिनेश गिरी जी महाराज, दादू द्वार बगड़ के महंत अर्जुन दास, शिव मठ धाम के महंत महावीर जती, भागवत प्रवक्ता पूज्या महिमा ब्रज किशोरी, विधायक राजेंद्र भामू, पशुपालन संयुक्त निदेशक डॉ. राजेंद्र कृष्ण कला सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
गोमाताओं व अतिथियों के लिए भोजन की विशेष व्यवस्था
- विवाह वाले दिन 10 गौशालाओं की 5,000 गायों को भोजन कराया गया।
- आशीर्वाद समारोह में शामिल 1,000 से अधिक लोगों के लिए भोजन की व्यापक व्यवस्था भी यहीं की गई।
पिता की स्मृति में किया यह पुण्य कार्य
सुभाष चंद्र जांगिड़ ने बताया कि उनके पिता जगदीश प्रसाद परम गोभक्त थे।
“आजकल की शादियों में जहां फिजूलखर्ची पर ज़ोर होता है, वहीं हमने इस धनराशि का उपयोग गौसेवा में कर एक भावनात्मक व सत्कर्ममय निर्णय लिया।”
25 वर्षों से चल रही है बुद्धगिरी मढ़ी की गौशाला सेवा
- यह गौशाला 25 वर्षों से अधिक समय से निरंतर सेवा में है, जहां 700 से अधिक गायों की देखभाल की जा रही है।
- सैकड़ों वर्ष पूर्व से ही बुद्धगिरी परंपरा के संत गोसेवा को जीवन का मूल उद्देश्य मानते आए हैं।
निष्कर्ष
अमित और अंकिता जांगिड़ के विवाह आशीर्वाद समारोह ने न केवल फतेहपुर बल्कि पूरे शेखावाटी में एक सकारात्मक संदेश दिया है कि
“सच्चा आशीर्वाद सिर्फ़ समाज सेवा और गौसेवा से मिलता है।“