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Sikar News: सीकर में 1.66 लाख लोगों ने छोड़ा खाद्य सुरक्षा लाभ

Sikar officials review food security give up campaign progress

मुख्यमंत्री के निर्देश पर चल रहा गिव अप अभियान

राज्य सरकार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में वंचित वर्गों के उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे ताकि उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।


खाद्य सुरक्षा योजना से अपात्रों का निष्कासन

खाद्य सुरक्षा योजना के तहत उन परिवारों को निष्कासन सूची में रखा गया है जिनमें—

  • कोई सदस्य आयकर दाता है,
  • परिवार का कोई सदस्य सरकारी, अर्द्धसरकारी या स्वायत्तशासी संस्थान में कार्यरत है,
  • वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक है,
  • या परिवार में चार पहिया वाहन है (जीविकोपार्जन हेतु प्रयुक्त ट्रैक्टर को छोड़कर)।

सीकर जिले में 1.66 लाख लोगों ने छोड़ा लाभ

जिला रसद अधिकारी सीकर विजेंद्र पाल ने बताया कि 1 नवंबर 2024 से शुरू हुए गिव अप अभियान में राजस्थानभर में अब तक 37 लाख 62 हजार लोगों ने स्वेच्छा से योजना का लाभ छोड़ा है।
इसी अभियान के तहत सीकर जिले में 1,66,672 व्यक्तियों ने खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ छोड़ दिया है।


726 अपात्रों को नोटिस, होगी वसूली

गिव अप अभियान के तहत सीकर जिले में 726 अपात्र लाभार्थियों की पहचान कर उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं।
इनसे वसूली की कार्यवाही की जाएगी।
विभाग ने सभी उचित मूल्य दुकानों पर औचक निरीक्षण बढ़ा दिए हैं।


कड़ी निगरानी और डेटा क्रॉस-जांच

अब हर प्रवर्तन अधिकारी और निरीक्षक रोजाना दुकानों का दौरा करेंगे, अपात्र व्यक्तियों की सूची तैयार करेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
खाद्य विभाग जल्द ही परिवहन विभाग से चार पहिया वाहन स्वामियों का डेटा प्राप्त कर अपात्र लोगों को नोटिस भेजेगा।


अधिकारी बोले — “न्यायसंगत पात्रता सुनिश्चित करना प्राथमिकता”

जिला रसद अधिकारी विजेंद्र पाल ने कहा —

“गिव अप अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ केवल उन्हीं तक पहुंचे जो वास्तव में इसके पात्र हैं। अपात्र व्यक्तियों से वसूली और निष्कासन की कार्यवाही सख्ती से की जाएगी।”


लोकल इम्पैक्ट

यह अभियान सीकर जिले में पारदर्शिता और सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम साबित हो रहा है। इससे जरूरतमंद परिवारों तक सरकारी सहायता की पहुँच और अधिक मजबूत होगी।