सीकर में अपात्र लाभार्थियों पर बढ़ी सख्ती, वसूली प्रक्रिया तेज
सीकर में गिव अप अभियान का बड़ा प्रभाव
राजस्थान सरकार के गिव अप अभियान को सीकर जिले में बड़ी सफलता मिल रही है।
जिला रसद अधिकारी विजेंद्र पाल ने बताया कि 1 नवंबर 2024 से शुरू हुए इस अभियान में अब तक 174793 लोगों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ छोड़ा है।
राज्य स्तर पर यह संख्या 37.62 लाख तक पहुंच गई है।
किन परिवारों को माना जाएगा अपात्र?
सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार ऐसे परिवार खाद्य सुरक्षा सूची से बाहर किए जाएंगे जिनमें—
- कोई आयकर दाता हो
- परिवार का कोई सदस्य सरकारी/अर्द्धसरकारी/स्वायत्तशासी कर्मचारी हो
- वार्षिक आय 1 लाख रु. से अधिक हो
- परिवार के पास चार पहिया वाहन हो
(जीविकोपार्जन में प्रयुक्त ट्रैक्टर इससे अलग हैं)
इन सभी श्रेणियों को निष्कासन सूची (exclusion list) में शामिल किया जाता है।
806 अपात्र लोगों को नोटिस, होगी वसूली
अधिकारी ने बताया कि जिले में अभी तक 806 अपात्र व्यक्तियों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
इनसे अनियमित रूप से मिले लाभ की वसूली की प्रक्रिया शुरू होगी।
उचित मूल्य दुकानों पर रोजाना निरीक्षण
अभियान को मजबूत बनाने के लिए:
- खाद्य विभाग के प्रवर्तन अधिकारी
- प्रवर्तन निरीक्षक
रोजाना उचित मूल्य दुकानों पर औचक निरीक्षण करेंगे।
उचित मूल्य दुकानदारों की मदद से अपात्र व्यक्तियों की नई सूची तैयार की जाएगी, जिस पर आगे वसूली व नोटिस जारी किए जाएंगे।
अब वाहन डेटा से भी होगी पहचान
खाद्य विभाग शीघ्र ही परिवहन विभाग से चार पहिया वाहन मालिकों का डाटा प्राप्त करेगा।
इसके आधार पर खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल शेष अपात्र लाभार्थियों को नोटिस भेजे जाएंगे।
“सरकार का उद्देश्य अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। जो अपात्र हैं, उनकी पहचान कर सूची से हटाया जा रहा है।”
— जिला रसद अधिकारी, सीकर