सीकर में गिव अप अभियान का बड़ा असर
सीकर, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देशन में प्रदेश में चल रहे गिव अप अभियान का सीकर जिले में बड़ा प्रभाव देखने को मिला है। जिले के 1,80,510 व्यक्तियों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ छोड़ दिया है।
इस निर्णय से उन जरूरतमंद परिवारों को प्राथमिकता मिलेगी जो वास्तव में खाद्य सुरक्षा के पात्र हैं और सरकारी सहायता के मोहताज हैं।
826 अपात्र लोगों को नोटिस जारी
जिला रसद अधिकारी विजेंद्र पाल ने बताया कि अभियान के तहत सीकर जिले में 826 अपात्र लाभार्थियों की पहचान की गई है।
इन सभी को नोटिस जारी कर वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा—
“गिव अप अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल योग्य और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे।”
किन लोगों को माना जाएगा अपात्र?
सरकारी मानकों के अनुसार, निम्न वर्ग को अपात्र माना जाता है—
- परिवार में कोई आयकर दाता हो
- किसी सदस्य की सरकारी/अर्द्धसरकारी/स्वायत्तशासी संस्था में नौकरी
- एक लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय
- परिवार में चार पहिया वाहन (ट्रैक्टर को छोड़कर)
ऐसे लोगों के नाम निष्कासन सूची में शामिल किए जा रहे हैं।
उचित मूल्य दुकानों पर होगी नियमित जांच
अब जिले की हर उचित मूल्य दुकान पर प्रवर्तन अधिकारी और निरीक्षक रोजाना निरीक्षण करेंगे।
वे दुकानदारों के सहयोग से अपात्र व्यक्तियों की नई सूची तैयार करेंगे और
- नोटिस जारी करना
- वसूली प्रक्रिया को आगे बढ़ाना
इन दोनों कार्यों को प्राथमिकता देंगे।
वाहन मालिकों के डेटा से भी होगी जांच
खाद्य विभाग जल्द ही परिवहन विभाग से चार पहिया वाहन मालिकों का डाटा प्राप्त करेगा।
इसके आधार पर खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित अपात्र लोगों को—
- नोटिस जारी होंगे
- लाभ बंद किया जाएगा
- आवश्यक वसूली की जाएगी
स्थानीय प्रतिक्रिया
सीकर निवासी ने कहा—
“जो लोग सक्षम हैं और फिर भी योजना का लाभ ले रहे थे, उनके हटने से असली जरूरतमंदों तक सहयोग पहुंचेगा। यह कदम स्वागत योग्य है।”