सीकर में 666 अपात्रों को नोटिस, 1.55 लाख ने छोड़ा योजना लाभ
सीकर में गिव अप अभियान की बड़ी सफलता
राजस्थान सरकार द्वारा चलाए जा रहे गिव अप अभियान के तहत सीकर जिले में बड़ी संख्या में लोगों ने खाद्य सुरक्षा योजना से खुद को बाहर किया है।
जिला रसद अधिकारी सीकर विजेंद्र पाल ने बताया कि 1 नवंबर 2024 से शुरू हुए अभियान में अब तक 1,55,383 व्यक्तियों ने स्वेच्छा से योजना का लाभ छोड़ दिया है। यह पहल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशों के अनुसार चलाई जा रही है।
अपात्र लोगों पर होगी सख्त कार्रवाई
इस अभियान के तहत सीकर जिले के 666 अपात्र लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं, जिनसे योजना के तहत लिए गए लाभ की वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
खाद्य विभाग के प्रवर्तन अधिकारी और निरीक्षक अब हर उचित मूल्य दुकान पर निरीक्षण करेंगे और दुकानदारों के सहयोग से अपात्र लाभार्थियों की सूची तैयार करेंगे।
कैसे तय होता है अपात्रता का मापदंड
सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना के लिए कुछ मानदंड तय किए हैं:
- परिवार में आयकर दाता हो
- कोई सदस्य सरकारी/अर्धसरकारी नौकरी में हो
- वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक हो
- परिवार में किसी के पास चार पहिया वाहन हो (ट्रैक्टर जैसे जीविकोपार्जन वाहन को छोड़कर)
ऐसे मामलों में व्यक्ति को खाद्य सुरक्षा योजना की निष्कासन सूची में डाला जाता है।
भविष्य की कार्यवाही
खाद्य विभाग अब परिवहन विभाग से चार पहिया वाहन मालिकों का डाटा प्राप्त करेगा और अपात्र लोगों को नोटिस जारी कर वसूली की जाएगी।
इस बारे में अधिकारी विजेंद्र पाल ने कहा:
“यह पहल समाज के वंचित वर्ग को योजनाओं का सटीक लाभ देने के लिए है। जो लोग अपात्र हैं, वे स्वेच्छा से योजना छोड़ें, ताकि सही पात्रों को लाभ मिल सके।“