खाद्य सुरक्षा योजना की बड़ी कार्रवाई, अपात्रों पर सख्त कदम
सीकर, राजस्थान सरकार द्वारा चलाए जा रहे गिव अप अभियान का असर सीकर जिले में तेजी से दिख रहा है। जिले में 1,95,743 लोगों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ छोड़ दिया है, जबकि 866 अपात्र लाभार्थियों को नोटिस जारी कर वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
सरकार का लक्ष्य: अंतिम पंक्ति तक लाभ पहुंचाना
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देश पर राज्य सरकार वंचित वर्गों को योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने पर जोर दे रही है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि जो लोग सक्षम हैं वे योजनाओं का लाभ छोड़ें, ताकि जरूरतमंदों तक सहायता पहुंच सके।
किन व्यक्तियों को योजना से बाहर किया जा रहा है?
नियमों के अनुसार निम्न श्रेणियों को निष्कासन सूची में शामिल किया गया है:
- परिवार जिसमें कोई आयकर दाता हो
- परिवार का कोई सदस्य सरकारी/अर्द्धसरकारी/स्वायत्तशासी कर्मचारी हो
- एक लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले परिवार
- ऐसे परिवार जिनके पास चार पहिया वाहन हो
(कृषि से जुड़े ट्रैक्टर आदि को छोड़कर)
जिला रसद अधिकारी का बयान
जिला रसद अधिकारी, विजेंद्र पाल, ने बताया:
“1 नवंबर 2024 से शुरू हुए गिव अप अभियान में अब तक पूरे राजस्थान में लगभग 48.87 लाख लोगों ने खाद्य सुरक्षा लाभ छोड़ा है। सीकर जिले में यह संख्या 1.95 लाख तक पहुंच चुकी है।“
866 अपात्रों को नोटिस, वसूली शुरू
खाद्य विभाग ने जिले में 866 अपात्र लाभार्थियों को नोटिस जारी किया है।
नोटिस मिलने के बाद उनसे अनुचित लाभ की वसूली की जाएगी।
उचित मूल्य दुकानों पर औचक निरीक्षण
अब विभाग ने निरीक्षण को और सख्त करते हुए निर्देश जारी किए हैं:
- हर उचित मूल्य दुकान पर प्रवर्तन अधिकारी और निरीक्षक औचक जांच करेंगे
- अपात्र व्यक्तियों की सूची दुकान संचालकों की मदद से तैयार की जाएगी
- नोटिस और वसूली की कार्रवाई रोजाना की जाएगी
वाहन स्वामियों की जांच भी तेज
खाद्य विभाग शीघ्र ही परिवहन विभाग से चार पहिया वाहन स्वामियों का डेटा प्राप्त कर
खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल अन्य अपात्र लोगों को नोटिस जारी करेगा।