ज्ञान को सीमित मत रखिए, तकनीक को अपनाइए : कुलपति प्रो. अनिल राय
सीकर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग की ओर से “जियोस्पैशियल डाटा मैपिंग विद ड्रोन एंड जीपीएस” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को आधुनिक भू-सर्वेक्षण तकनीकों से परिचित कराना और उन्हें व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था।
कुलपति का संदेश : ज्ञान को सीमित मत रखिए
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. अनिल कुमार राय ने कहा कि “ज्ञान को सीमित मत रखिए, तकनीक को अपनाइए।” उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का संदर्भ देते हुए कहा कि आज शिक्षा बहुविषयक हो गई है, इसलिए विद्यार्थियों को अपने पारंपरिक विषयों की सीमाओं से बाहर निकलकर तकनीकी दक्षता भी हासिल करनी चाहिए।
सर्वे ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों ने दी जानकारी
कार्यशाला में भारतीय सर्वेक्षण विभाग, जयपुर से सत्यार्थ प्रकाश, राहुल कुमार मिश्रा और जे. एस. सलोप्पल बतौर वक्ता उपस्थित रहे।
मिश्रा ने दो प्रमुख राष्ट्रीय परियोजनाओं — नक्शा प्लॉट प्रोग्राम और स्वामित्व प्रोग्राम — की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं के तहत ड्रोन सर्वेक्षण से भूमि मापन और डिजिटल मैपिंग से संपत्ति विवादों में कमी आई है।
विद्यार्थियों ने उड़ाए ड्रोन, सीखी मैपिंग तकनीक
कार्यक्रम का सबसे रोचक हिस्सा रहा हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग सेशन, जिसमें विद्यार्थियों ने खुद ड्रोन उड़ाकर डेटा कैप्चरिंग, जीपीएस कोऑर्डिनेट सेटिंग, और सॉफ्टवेयर आधारित नक्शा तैयार करने की तकनीक सीखी।
छात्रों ने समझा कि कैसे ड्रोन कुछ ही मिनटों में बड़े भूभाग की उच्च गुणवत्ता वाली जियोस्पैशियल छवियां तैयार कर सकता है।
कार्यक्रम संचालन और समापन
कार्यशाला में विश्वविद्यालय परिसर का ड्रोन द्वारा सर्वेक्षण किया गया।
कार्यक्रम का संचालन छात्राओं निकिता चौधरी और अमीषा चौधरी ने किया।