सीकर, राज्य सरकार ने खरीफ फसल खराबे से जूझ रहे किसानों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर 12 जिलों के 7,451 गांवों को अभावग्रस्त घोषित किया है। इन क्षेत्रों में 33 प्रतिशत या उससे अधिक फसल नुकसान होने वाले कृषकों को कृषि आदान-अनुदान वितरण की अनुमति प्रदान की गई है।
यह प्रावधान 31 मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगा, जिससे किसानों को कृषि सहायता योजनाओं का लाभ निरंतर मिल सकेगा।
12 जिलों के 7,451 गांवों को मिला राहत का लाभ
आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग की उप शासन सचिव शैफाली कुशवाहा ने बताया कि इस निर्णय से प्रभावित किसानों को सीधा आर्थिक सहयोग मिलेगा।
इनमें शामिल जिले हैं —
बांसवाड़ा, ब्यावर, डूंगरपुर, जोधपुर, भीलवाड़ा, नागौर, राजसमंद, डीडवाना-कुचामन, सवाई माधोपुर, श्रीगंगानगर, बालोतरा और चित्तौड़गढ़।
कुल 98 तहसीलों के गांवों को खरीफ फसल संवत 2082 (वर्ष 2025–26) की गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर अभावग्रस्त घोषित किया गया है।
अधिकारियों ने बताया — राहत वितरण जल्द शुरू होगा
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित गांवों में किसानों के लिए कृषि इनपुट सब्सिडी और अन्य सहायता योजनाओं का वितरण जल्द शुरू किया जाएगा।
इससे किसानों को बीज, खाद, कीटनाशक और सिंचाई साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
सरकार का लक्ष्य – फसल नुकसान की भरपाई और ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त करना
राज्य सरकार का कहना है कि इस कदम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी और कृषक परिवारों को आर्थिक संकट से उबरने में सहायता मिलेगी।