सीकर के धर्माणा में एक ही चिता पर हुई मां और चार बच्चों की विदाई
सीकर। पालवास रोड स्थित अनिरुद्ध रेजीडेंसी में 11 दिन पहले अपने चार बच्चों सहित जान देने वाली किरण को न मायके से कोई लेने आया और न ससुराल से कोई संभालने वाला था।
आखिरकार, जिस लिव-इन पार्टनर से उसका मनमुटाव चल रहा था, उसी शैलेष झाझड़िया ने रविवार देर शाम अंतिम संस्कार की सभी रस्में निभाईं।
एक ही चिता पर मां और चार बच्चों की विदाई
पोस्टमार्टम के बाद पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में पांचों शव शैलेष को सौंपे गए। देर शाम धर्माणा स्थित श्मशान घाट पर नगर परिषद और जनकल्याण चेरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से पांचों शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
सभी शवों के लिए एक ही चिता तैयार की गई और शैलेष ने ही मुखाग्नि दी।
रेजीडेंसी में पसरा सन्नाटा, लोगों में सवाल
अनिरुद्ध रेजीडेंसी में दूसरे दिन भी लोग सदमे में रहे। चर्चा का विषय यही था कि किरण ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया?
रेजीडेंसी के लोगों का कहना है कि किरण अपने बच्चों से बेहद प्यार करती थी और उनकी हर इच्छा पूरी करती थी, फिर उसने कैसे उन्हें अपने हाथों से जहर खिला दिया — यह सवाल सभी के मन में है।
पुलिस जांच जारी, परिवार ने शव लेने से किया इंकार
पुलिस ने बताया कि शनिवार को फ्लैट नंबर A-210 से दुर्गंध आने पर दरवाजा तोड़ा गया। अंदर महिला और चार बच्चों के शव मिले, जो सड़ चुके थे।
शवों के पास से जहरीली दवा के आठ खाली पैकेट और एक लिक्विड जहर की शीशी भी बरामद हुई।
मृतका की पहचान किरण उर्फ पिंकी चौधरी (40), बेटे सुमित (18), आयु (4), अविनाश (2.5) और बेटी स्नेहा (13) के रूप में हुई।
किरण ने पहले नेमीचंद से प्रेम विवाह किया था, लेकिन 2019 में तलाक के बाद वह शैलेष के संपर्क में आई। बाद में दोनों में अनबन हो गई और किरण ने शैलेष के खिलाफ केस भी दर्ज कराया था।