शिविर में हुआ वर्षों पुराना विवाद खत्म
सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम कुमास जाटान में आयोजित ग्रामीण सेवा शिविर 2025 के दौरान वर्षों से लंबित कृषि भूमि विवाद का निपटारा किया गया।
राजस्व ग्राम लक्ष्मणगढ़ की जमाबंदी खाता संख्या 926 से संबंधित खसरा नंबर 2698, 2699, 2700 और 486 की भूमि को लेकर नौ खातेदारों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था।
विभाजन न होने से योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा था
भूमि का विभाजन न होने के कारण खातेदार न तो सीमाओं की स्पष्टता पा रहे थे, और न ही किसी सरकारी योजना का लाभ ले पा रहे थे।
सभी खातेदार अलग-अलग गांवों के निवासी होने के कारण आपसी सहमति बनाना भी मुश्किल हो गया था।
शिविर प्रभारी ने मौके पर दिलाया समाधान
उपखण्ड अधिकारी एवं शिविर प्रभारी मोहर सिंह मीना के समक्ष सभी खातेदार उपस्थित हुए और आपसी सहमति से भूमि विभाजन का अनुरोध किया।
शिविर प्रभारी ने पटवारी हल्का लक्ष्मणगढ़ एवं भू-अभिलेख निरीक्षक वृत लक्ष्मणगढ़ को मौके पर जाकर सहमति से खाता विभाजन प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
पटवारी और भू-अभिलेख निरीक्षक ने की स्थल जांच
निर्देशानुसार, अधिकारियों ने स्थल निरीक्षण कर सभी खातेदारों से चर्चा की और आपसी सहमति से विभाजन प्रस्ताव तैयार कर शिविर प्रभारी को प्रस्तुत किया।
शिविर प्रभारी ने प्रस्ताव को स्वीकृत कर रिकॉर्ड में अमल हेतु आदेश जारी किए।
ग्रामीणों ने जताया प्रशासन का आभार
वर्षों से लंबित विवाद सुलझने पर खातेदार जयप्रकाश, जगदीश, दीपक, श्यामसुन्दर, सुनील कुमार, महावीर प्रसाद (मावलियों की ढाणी),
बाबूलाल पुत्र मोहनसिंह जाट (कनदलाउ), और श्रीराम पुत्र रतनलाल जाट (बांठोद, फतेहपुर) ने प्रसन्नता जताई।
ग्रामीणों ने कहा, “अब हम अपनी जमीन के हिस्से को स्पष्ट रूप से उपयोग कर सकेंगे और सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिलेगा।”
प्रशासन की ‘आपके द्वार सरकार’ पहल को सराहना
स्थानीय लोगों ने कहा कि ग्रामीण सेवा शिविरों के माध्यम से प्रशासन लंबित राजस्व मामलों को गांव में ही सुलझाने की दिशा में सराहनीय कार्य कर रहा है।
इस पहल से न्यायिक बोझ घटा है और ग्रामीणों को तत्काल राहत मिल रही है।