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मकर संक्रांति पर चाइनीज मांझा बैन: जिलों को एडवाइजरी जारी

Chinese manja ban advisory issued in Rajasthan for Makar Sankranti

पतंगबाजी में सूती मांझा अपनाने की अपील, उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई

जयपुर, सीकर। मकर संक्रांति के अवसर पर पतंगबाजी के दौरान चाइनीज मांझे (नायलॉन/सिंथेटिक डोर) के उपयोग से पशु-पक्षियों को हो रही गंभीर क्षति को देखते हुए राजस्थान सरकार ने सभी जिलों को एडवाइजरी जारी की है।

पशु-पक्षियों की जान पर खतरा

शासन सचिव, पशुपालन, गोपालन एवं मत्स्य विभाग डॉ. समित शर्मा ने बताया कि प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज मांझे का अवैध उपयोग अत्यंत चिंताजनक है।
उन्होंने कहा,

“नायलॉन/सिंथेटिक मांझा और कांच या लोहे के चूर्ण से लेपित धागे न केवल पक्षियों बल्कि आमजन के लिए भी जानलेवा हैं।”

सख्त प्रवर्तन और दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश

एडवाइजरी में कहा गया है कि एनजीटी और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों की पालना में इस वर्ष विशेष रणनीति अपनाई जाए।
इसके तहत:

  • पुलिस व प्रशासन द्वारा सघन तलाशी अभियान
  • प्रतिबंधित मांझे के स्टॉक की जब्ती
  • निर्माण, भंडारण व बिक्री पर पूर्ण रोक
  • पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 और भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत कार्रवाई
  • बार-बार उल्लंघन करने वाले विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया

जनजागरूकता पर विशेष जोर

डॉ. शर्मा ने निर्देश दिए कि:

  • स्कूल-कॉलेजों में विद्यार्थियों को चाइनीज मांझा न उपयोग करने की शपथ दिलाई जाए
  • सोशल मीडिया व प्रचार माध्यमों से सूती मांझा अपनाने का संदेश दिया जाए
  • व्यापार संघों के साथ बैठक कर प्रतिबंधित मांझे के विक्रय के बहिष्कार हेतु प्रेरित किया जाए

घायल पक्षियों के लिए विशेष चिकित्सा शिविर

सभी जिलों में विशेष पक्षी चिकित्सा शिविर आयोजित किए जाएंगे।
पशुपालन विभाग और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से घायल पक्षियों के उपचार की व्यवस्था की जाएगी।
इसके साथ ही हेल्पलाइन नंबर जारी कर प्रचार-प्रसार के निर्देश भी दिए गए हैं।

पर्यावरण के लिए भी घातक चाइनीज मांझा

शासन सचिव ने कहा कि चाइनीज मांझा गैर-बायोडिग्रेडेबल है, जिससे पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान पहुंचता है।
उन्होंने आमजन से अपील की कि:

  • केवल सूती/परंपरागत मांझे का ही उपयोग करें
  • चाइनीज मांझे की खरीद-फरोख्त और उपयोग से बचें
  • कहीं अवैध बिक्री दिखे तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें
  • खुले में पड़े मांझे को सुरक्षित तरीके से एकत्र कर नष्ट करें

“एक छोटी सावधानी, कई जानें बचा सकती है”

डॉ. शर्मा ने कहा,

“सरकार के प्रयासों के साथ जनसहयोग से ही पशु-पक्षियों की सुरक्षा संभव है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि उल्लास का यह पर्व किसी जीव के लिए प्राणघातक न बने।”


Shekhawati Live Appeal

मकर संक्रांति पर सुरक्षित पतंगबाजी करें। सूती मांझा अपनाएं, पशु-पक्षियों की रक्षा करें और पर्व को सचमुच खुशियों का बनाएं।