सीकर, राजस्थान माटीकला बोर्ड अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक ने अपने दो दिवसीय सीकर दौरे में जनसुनवाई, अधिकारियों को निर्देश और कारीगरों के लिए राहतभरी घोषणाएं कीं। दौरे की शुरुआत उन्होंने खाटू श्याम मंदिर दर्शन से की और रात्रि विश्राम सीकर सर्किट हाउस में किया।
माटीकला जागरूकता शिविर में भागीदारी
मंगलवार को उन्होंने नवलगढ़ रोड स्थित कुमावत छात्रावास में आयोजित माटीकला जागरूकता शिविर में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया।
प्रहलाद टाक ने कहा, “माटीकला को आत्मनिर्भर बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है।“
उन्होंने बताया कि—
- इस वर्ष 2000 मिट्टी गूंथने की मशीनें वितरित की जाएंगी।
- विद्युत चालित चाक और उपकरण भी दिए जा रहे हैं, जिससे उत्पादकता और आमदनी बढ़ेगी।
- प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से 10 लाभार्थी चुने जाएंगे।
“मशीनें देते समय वादा लेते हैं कि बच्चों की पढ़ाई नहीं रुके,”
– प्रहलाद राय टाक, अध्यक्ष, माटीकला बोर्ड
पारंपरिक कारीगरों के लिए प्रशिक्षण
कारीगरों को 10 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसमें राजसमंद की टेराकोटा, पोकरण पॉटरी, रामगढ़ की कागजी पॉटरी, शावा की मुखौटा कला जैसे पारंपरिक शिल्प सिखाए जाएंगे।
रॉयल्टी खत्म, कानूनी झंझट नहीं
मुख्यमंत्री द्वारा मिट्टी पर लगने वाली रॉयल्टी समाप्त कर दी गई है। इससे कारीगरों को कानूनी राहत मिलेगी।
“मशीनों से कुछ कारीगरों की मासिक आमदनी अब ₹1 लाख तक पहुँच रही है।”
योजना का नाम: स्वरोजगार से स्वावलंबन
टाक ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना और राज्य माटीकला योजनाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत आधार बताया।
कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज बाटड़, कुमावत समाज के प्रतिनिधि और सैकड़ों महिला-पुरुष उपस्थित रहे।