सीकर, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर के तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। यह आयोजन सीकर न्यायक्षेत्र सहित रींगस, श्रीमाधोपुर, दांतारामगढ़, लक्ष्मणगढ़, फतेहपुर और नीमकाथाना की तालुका विधिक सेवा समितियों में संपन्न हुआ।
15 बैंचों में हुई सुनवाई
राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए कुल 15 बैंचों का गठन किया गया, जिनमें—
- राजीनामा योग्य आपराधिक मामले,
- सिविल प्रकृति के प्रकरण,
- पारिवारिक विवाद,
- चेक अनादरण (एनआई एक्ट),
- बैंकों के ऋण वसूली मामले,
- राजस्व प्रकरण
सहित विभिन्न मामलों की सुनवाई की गई।
प्रकरणों के निस्तारण का आंकड़ा
लोक अदालत में—
- न्यायालयों में लंबित 77,051 प्रकरणों का निस्तारण कर
₹11,25,03,381 रुपये के अवार्ड पारित किए गए। - वहीं प्री-लिटिगेशन के 64,380 प्रकरणों में से
44,618 मामलों का राजीनामे से निस्तारण करते हुए
₹7,46,75,792 रुपये के अवार्ड पारित किए गए।
“लोक अदालत से समय और धन की बचत” – न्यायाधीश
कार्यक्रम का शुभारंभ अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार मीणा,
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शालिनी गोयल,
जिला बार संघ अध्यक्ष दामोदर माटोलिया सहित अन्य अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से किया गया।
अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार मीणा ने कहा—
“राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से समय, धन की बचत होती है और आपसी सौहार्द के साथ विवादों का समाधान संभव होता है।”
प्री-लिटिगेशन में बड़ी भूमिका
प्री-लिटिगेशन बैंच में एवीवीएनएल, एसबीआई, पीएनबी, बीएसएनएल सहित अन्य बैंकों व वित्तीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में समझाइश कर सैकड़ों प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
विद्यार्थियों ने समझी लोक अदालत की प्रक्रिया
सोभासरिया लॉ कॉलेज के विद्यार्थियों ने लोक अदालत की कार्यप्रणाली को नजदीक से समझा।
पक्षकारों की सुविधा के लिए हेल्पडेस्क भी स्थापित की गई।
सुलभ और त्वरित न्याय ही उद्देश्य
सचिव शालिनी गोयल ने बताया कि—
“जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य पीड़ित और जरूरतमंद व्यक्तियों तक सुलभ न्याय पहुंचाना है।”
लोक अदालत में अधिवक्तागण, विभागीय प्रतिनिधि, बैंक अधिकारी, पक्षकार एवं न्यायालय स्टाफ उपस्थित रहे।