सीकर (फतेहपुर)। उर्दू अदब की दुनिया में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके अंतरराष्ट्रीय शायर नजीर फतेहपूरी का उनके पुश्तैनी शहर फतेहपुर आगमन पर सादिक सेवा फाउंडेशन की ओर से सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित शायरों और साहित्यकारों ने नजीर फतेहपूरी को “अपनों और जमीन वालों का शायर” बताते हुए उनके योगदान को सलाम किया।
सम्मान समारोह में हुआ शब्दों का जश्न
वरिष्ठ पत्रकार मुहम्मद सादिक ने फाउंडेशन की ओर से प्रशस्ति पत्र भेंट कर नजीर फतेहपूरी का सम्मान किया और कहा कि—
“नजीर फतेहपूरी उर्दू अदब के सच्चे हिन्दुस्तानी कवि हैं, जिनकी शायरी मिट्टी की खुशबू, पानी की चमक और आग की तासीर लिए हुए है।”
इस मौके पर शकील शब्बीर फराज, खालिद राही, गुलाम दस्तगीर जिया, फारुक चोहान, शरीफ आवेश (नाशिक) सहित कई साहित्यप्रेमी मौजूद रहे।
“मिट्टी के शायर” नजीर फतेहपूरी
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि नजीर फतेहपूरी का पूरा वजूद मिट्टी, हवा, पानी और आग से बना एक रचनात्मक संगम है।
उनके शब्द शब्दकोश से नहीं, बल्कि जिंदगी के हसीन और तल्ख अनुभवों से निकलते हैं।
उनकी कविताएं सच्चाई, सादगी और संवेदना से भरी होती हैं, जो झूठ और पाखंड से भरे शब्द-महल को तहस-नहस कर देती हैं।
उर्दू अदब में विशिष्ट स्थान
सादिक सिद्दीकी ने कहा कि फतेहपुर से लेकर पूना और दुनिया तक नजीर फतेहपूरी ने उर्दू अदब में लोककवि शायर की हैसियत से अपनी पहचान बनाई है।
उनके अनूठे काव्य-विषय, भाषाई समन्वय और नवीन प्रयोगों ने उन्हें सीनियर शायरों की पंक्ति में स्थापित किया है।
उपस्थित रहे साहित्यप्रेमी:
शकील शब्बीर फराज, खालिद राही, गुलाम दस्तगीर जिया, फारुक चोहान, शरीफ आवेश, और कई स्थानीय कवि–शायर उपस्थित रहे।