संयुक्त संविदा मोर्चा के बैनर तले NHM कार्मिकों ने सीएमएचओ को सौंपा ज्ञापन, 5% वेतन वृद्धि की मांग
सीकर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत कार्यरत संविदा स्वास्थ्यकर्मी पिछले दो वर्षों की 5% वेतन वृद्धि से वंचित हैं। इस मुद्दे को लेकर गुरुवार को संयुक्त संविदा मोर्चा, राजस्थान के बैनर तले स्वास्थ्यकर्मियों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. अशोक महरिया को ज्ञापन सौंपा।
फाइलें धूल फांक रही, आदेश लंबित
ज्ञापन में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 की वेतन वृद्धि अब तक लागू नहीं की गई है। साथ ही 2025-26 की संभावित वेतन वृद्धि पर भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। कर्मियों का आरोप है कि निदेशालय में फाइलें वर्षों से धूल फांक रही हैं, जबकि सरकार नियमितीकरण की बातें करती है।
कम वेतन, निराशा और आत्महत्या के मामले
संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी वित्तीय स्थिति और मानसिक तनाव का जिक्र करते हुए कहा कि अल्प मानदेय के चलते कई कर्मियों ने सेवा के अंतिम वर्षों में हताशा में आत्महत्या जैसे कदम तक उठा लिए। वहीं, कई रिटायर हो चुके संविदाकर्मी बिना लाभ के घर लौटने को मजबूर हुए हैं।
आदेश जारी करने की मांग
ज्ञापन में प्रमुख मांगें निम्नानुसार रखी गईं:
- 2023-24 की लंबित 5% मानदेय वृद्धि के आदेश तुरंत जारी हों।
- 2025 से लागू होने वाली 5% वृद्धि के आदेश भी अधिसूचना के अनुसार शीघ्र जारी किए जाएं।
- CMHO को अधिकृत किया जाए कि वे हर जिले में सेवा प्रमाण पत्र के आधार पर समय पर वृद्धि सुनिश्चित करें।
CMHO का आश्वासन
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक महरिया ने संविदाकर्मियों को आश्वासन दिया कि उनका ज्ञापन निदेशालय भिजवाया जाएगा और मांगों के शीघ्र समाधान का प्रयास किया जाएगा।
निष्कर्ष
संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की यह लड़ाई केवल वेतन वृद्धि की नहीं, बल्कि सम्मानजनक जीवन और सेवाओं की मान्यता की भी है। यदि शीघ्र कार्यवाही नहीं हुई तो यह मामला प्रदेशभर में और अधिक तूल पकड़ सकता है।