गंभीर मरीजों को घर पर ही मिलेगा इलाज
सीकर जिले में गंभीर व असाध्य रोगियों के लिए राहतभरी खबर है। अब उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत नहीं होगी। स्वास्थ्य विभाग ने घर पर इलाज की सुविधा शुरू की है।
राष्ट्रीय पैलिएटिव केयर कार्यक्रम के तहत सीकर जिले में पहली बार होम बेस्ड केयर सेवा शुरू की जा रही है। यह सुविधा उन मरीजों के लिए है जो कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी डिजीज या अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं और अस्पताल तक पहुंचना उनके लिए संभव नहीं है।
15 दिन में एक बार पहुंचेगी टीम
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पैलिएटिव केयर गाड़ी में दो डॉक्टर और तीन प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ होंगे। यह टीम 15 दिन में एक बार ऐसे मरीजों के घर जाकर उनकी देखभाल करेगी। मरीजों का रजिस्ट्रेशन शुरू किया जा चुका है और एक कॉल पर यह सेवा उपलब्ध होगी।
“हमारा उद्देश्य सिर्फ इलाज नहीं, बल्कि रोगी की जीवन गुणवत्ता सुधारना है,” – डॉ. अशोक महरिया, सीएमएचओ
मरीजों के परिजनों को मिलेगा प्रशिक्षण
उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. निर्मल सिंह ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य बिस्तर पर पड़े मरीजों को ‘क्वालिटी ऑफ लाइफ’ देना है। टीम न सिर्फ इलाज करेगी, बल्कि परिजनों को भी ट्रेनिंग देगी ताकि वे रोजाना रोगी की सही देखभाल कर सकें।
“राइल्स ट्यूब, कैथेटर जैसे उपकरणों को बदलने में भी सहायता दी जाएगी।” – डॉ. निर्मल सिंह
नोडल अधिकारी की निगरानी में होगी व्यवस्था
राज्य नोडल अधिकारी डॉ. निर्मला शर्मा द्वारा राजस्थान के सभी जिलों के मरीजों का डेटा संबंधित जिले को सौंपा जाएगा। इसके तहत सीकर के मरीजों की पहचान कर उनके घर पर सेवा पहुंचाई जाएगी।
किन्हें मिलेगा लाभ?
- कैंसर, एड्स, हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी डिजीज आदि से ग्रसित गंभीर रोगी
- वे मरीज जो बिस्तर पर हैं और अस्पताल जाना संभव नहीं
- रोगी और परिजनों की मानसिक और चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता
निष्कर्ष
यह योजना सीकर जिले के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। इससे गंभीर रोगियों को मानसिक और शारीरिक राहत मिलेगी और उनके परिजनों को भी बेहतर देखभाल का प्रशिक्षण मिलेगा।